Friday, November 22

बड़े नेताओं के लिए पनौती अथवा राहु केतु जैसे शब्दों का उपयोग उचित नहीं, हम अपनी भावी पीढ़ी को क्या संदेश दे रहे हैं

Pinterest LinkedIn Tumblr +

राजनीति में चुनाव के दौरान कब कौन किस पर कितना बड़ा और अपमानजनक आरोप लगा दे इसके बारे में कोई भी कुछ नहीं कह सकता। क्योंकि जितना अब तक देखने सुनने को मिला उससे यह समझ आया कि पांच साल तक नेता एक दूसरे की कमियां और परिवार को लेकर किस तरह अपमानित किया जा सकता है ऐसे बिंदुओं की खोज करने में लगे रहते थे। क्योंकि जैसे जैसे होश संभाला और मजदूरी करने के साथ राजनीति में दिलचस्पी ली तो देखा कि गांवों व नगर पालिका के छोटे चुनावों में एक दूसरे के लिए अपशब्दों का प्रयोग और आरोप प्रत्यारोप हुआ करते थे लेकिन वर्तमान में संचार क्रांति साक्षरता और सभ्यता की ओर मजबूती से बढ़ रहे हैं ऐसे में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पनौती बताना और फिर दूसरी तरफ से कांग्रेस और गांधी परिवार को राहु केतु की संज्ञा देना किसी भी रूप में सही नहीं कहा जा सकता। स्मरण रहे कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पनौती कहा गया। कांग्रेस नेता द्वारा अहमदाबाद में विश्व कप क्रिकेट के फाइनल में आस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद चुनावी रैली में पनौती शब्द का इस्तेमाल किया गया। सभी जानते हैं कि यह शब्द बुरी किस्मत लाने वाले व्यक्ति, प्रगति को रोकने और शुभ काम में अड़ंगे लाने वाले के लिए उपयोग होता है। यह तीनों शब्द पीएम मोदी पर लागू नहीं होते हैं क्योंकि वह तो इतनी अच्छी किस्मत लेकर आए हैं कि चाय बेचते बेचते सीएम और पीएम पद पर विराजमान हुए और दुनियाभर में भारत का मान सम्मान बढ़ा रहे हैं। इसलिए राहुल गांधी या किसी अन्य नेता को भी ऐसे शब्दों का उपयोग शोभा नहीं देता है। लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा यह कहा जाना कि देश की राजनीति में कांग्रेस और गांधी परिवार राहु केतु हैं, सही नहीं है। बीते बुधवार को राजस्थान के जेतारण सायला और रानीबाड़़ा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खबर के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होगा। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन दीपावली मनाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान के विकास में गांधी परिवार और कांग्रेस राहु केतु की भूमिका निभा रहे हैं। ध्यान से सोचे तो उक्त शब्द भी सही नहीं कहे जा सकते हैं क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कह रहे हैं कि गांधी परिवार को अपने पापों की कीमत चुकानी पड़ेगी। यह शब्द उन्होंने नेशनल हेराल्ड और उससे जुड़ी कंपनियों की संपत्ति जब्त करने को लेकर दिल्ली में कहे।
लोकतंत्र मेें हर व्यक्ति को अपनी बात कहने काम करने का अधिकार है तो फिर चाहे राहुल गांधी हो या मल्लिकार्जुन खड़गे अमित शाह या रविशंकर प्रसाद इन्हें तो कोई रोक ठोक ही नहीं है लेकिन अपनी भावी पीढ़ी जिसे हम संस्कारवान बनाने की बात करते हैं उसको ध्यान में रखते हुए मुझे लगता है कि इन बड़े नेताओं को सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहे लेकिन व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता ही नहीं किसी आम आदमी के लिए भी पनौती या राहु केतु की संज्ञा दिया जाना ठीक नहीं है। बाकी यह सब बड़े नेता है। पूरा देश चलाते हैं। इन पर कोई रोक ठोक तो लगा नहीं सकता लेकिन अगर कांग्रेस राहु केतु होती तो आज जिस आजादी से हम सांस ले रहे हैं वह अवसर शायद किसी को नहीं मिल पाता।

Share.

About Author

Leave A Reply