मेरठ 22 जून (प्र)। निलंबन होने से अवसाद में आए ईडीयू थर्ड के पूठखास के अवर अभियंता राजेश कुमार के जहर खा लेने से गुस्साए कर्मचारियों ने शुक्रवार को चीफ राघवेन्द्र यादव के ऑफिस में जमकर बबाल काटा। अवर अभियंता के जहर खाने से गम और गुस्से में तमाम स्टॉफ ने चीफ पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने यहां तक आरोप लगा डाले कि ऊपर बैठे अधिकारियों को पैसे चाहिए। बगैर रिश्वत दिए महकमे में नौकरी करना मुश्किल हो रहा है। ट्रांसफर पोस्टिंग के पैसे मांगे जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी बिजली के उपकरणों को तो सामान्य व चालू रखे जाने की बात तो करते हैं, लेकिन जब उनसे काम के लिए सामान मांगा जाता है तो सामान तक नहीं दिया जाता। राज्य विद्युत इंजीनियर संघ के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जो हालात बना दिए गए हैं, उनमें कम से कम अवर अभियंताओं के लिए तो जहर खाने के अलावा कोई चारा ही नहीं बचा है। हंगामा कर रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि जितने भी हादसे हो रहे है
उसके लिए फील्ड स्टॉफ का सामान कम दिया जाना व समय पर ना दिया जाना भी जिम्मेदार है। हंगामे पर वहां अन्य अधिकारी भी पहुंच गए। बात जब ज्यादा बढ़ने लगी और चीफ असहाय नजर आए तो उन्होंने डायरेक्टर को हालात की जानकारी दी। वहीं, इस संबंध में पीवीवीएनएल चीफ राघवेन्द्र यादव ने बताया कि गगोल बिजलीघर पर तैनात जेई राजेश ने एक फाल्ट को लेकर जो कार्रवाई की जानी थी। उसमें कोताही बरती, उसके चलते उन्हें निलंबित किया गया। करीब 10 माह पूर्व वह मुजफ्फरनगर में तैनाती के दौरान भी निलंबित किए गए थे।
अवर अभियंता राजेश कुमार ईडीयू थर्ड के गगोल बिजलीघर पर तैनात थे। काम ठीक से न किए जाने का आरोप लगाते हुए उनका तबादला पूठखास कर दिया गया। गुरुवार की शाम को उन्हें निलंबन आदेश थमा दिए गए। इससे वह अवसाद में आ गए। कर्मचारी नेता आशुतोष ने बताया कि घर जाकर राजेश ने जहर खा लिया। उनकी हालत बिगड़ने लगी। पत्नी ने एसडीओ भानु प्रताप कुशवाह को सूचना दी तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे। पत्नी व एसडीओ ने राजेश को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। एसडीओ ने ही अन्य स्टॉफ को सूचना दी।
चीफ ऑफिस में पहुंची डायरेक्टर एसके पुरवार ने हंगामा कर रहे अवर अभियंताओं व अन्य को शांत करते हुए आश्वासन दिया कि निलंबन वापस लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आठ अभियंता पीवीवीएनएल में इस साल निलंबित किए गए हैं। सभी का निलंबन वापस लिया जाएगा।