वाराणसी 27 नवंबर। तालाब, पोखर और मंदिर समेत कुछ अन्य स्थान के सौंदर्यीकरण के काम में तकरीबन 7 करोड़ रुपए का घोटाला करने के बाद फरार हुए जूनियर इंजीनियर को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की शाखा ने दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया है। भ्रष्टाचार के मामले को लेकर ईओडब्ल्यू की वाराणसी यूनिट द्वारा की गई इस कार्यवाही के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों में हड़कंप मच गया है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की वाराणसी यूनिट द्वारा गत दिवस जारी किए गए प्रेस नोट में बताया गया है कि ईओडब्ल्यू टीम द्वारा कानपुर से जूनियर इंजीनियर गोपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है जो मौजूदा समय में लोक निर्माण विभाग में तैनात है । गाजीपुर में हुए गबन के समय गिरफ्तार किया गया जूनियर इंजीनियर प्रति नियुक्ति पर उत्तर प्रदेश राज्य के निर्माण निगम लिमिटेड में उप अभियंता के पद पर कार्यरत था। जूनियर इंजीनियर की गिरफ्तारी गाजीपुर के गहमर थाने में विभिन्न धाराओं में दर्ज मामले को लेकर की गई है। गिरफ्तार किए गए जूनियर इंजीनियर गोपाल सिंह कुशवाहा को अब भ्रष्टाचार निवारण अदालत के सम्मुख पेश करते हुए आगे की कार्यवाही की जाएगी।
भ्रष्टाचार और गबन के इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस द्वारा लगातार दबिश दी जा रही है। ईओडब्ल्यू वाराणसी पुलिस अधीक्षक के मुताबिक वर्ष 2013 में गाजीपुर के ब्लॉक भदौरा में स्थित परेमन शाह के तालाब, सेवराई चीर पोखरा, मां कामाख्या धाम गहमर, देवकली स्थल कीनाराम स्थल देवल के पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से 817.08 लाख रुपए जारी किए गए थे। लेकिन पर्यटन, विकास एवं सौंदर्य करण की योजनाओं में मानक के अनुरूप काम नहीं करते हुए सिर्फ 117.60 लाख रुपए का काम कराकर उत्तर प्रदेश राज्य के निर्माण निगम यूनिट वाराणसी के अफसरों एवं ठेकेदारों के गठजोड़ ने 699.49 लाख रुपए के शासकीय धन का दुरुपयोग एवं गबन करते हुए सरकारी पैसे को क्षति पहुंचाई।