तिरुवनंतपुरम, 12 अक्टूबर। केरल की सबसे उम्रदराज शिक्षार्थी बनकर इतिहास रचने वाली कार्त्यायनी अम्मा का 10 अक्टूबर को अलाप्पुझा जिले के चेप्पड गांव में उनके आवास पर निधन हो गया। 101 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। कथित तौर पर स्ट्रोक से पीड़ित होने के बाद वह कुछ समय से बिस्तर पर पड़ी थीं।
कार्त्यायनी अम्मा ने न केवल दक्षिणी राज्य के साक्षरता मिशन के तहत 96 साल की उम्र में सबसे उम्रदराज छात्रा होने के लिए प्रसिद्धि हासिल की थी, बल्कि उन्होंने चौथी कक्षा के समकक्ष परीक्षा अक्षरलक्षम परीक्षा में उच्चतम अंक हासिल करने के लिए भी प्रसिद्धि हासिल की थी। परीक्षण के लिए उपस्थित हुए 43,330 उम्मीदवारों में से कार्त्यायनी अम्मा सबसे उम्रदराज व्यक्ति थी। उन्हें मार्च, 2020 में महिला दिवस के अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 2019 में, वह कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग गुडविल एंबेसडर बनीं थी।
कार्त्यायनी अम्मा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को उनसे हुई मुलाकात को याद किया। विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘उन शब्दों में आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प था।’ बता दें कि कार्थ्यायनी अम्मा ने सीएम से मुलाकात के दौरान 10वीं कक्षा पास करने के बाद आगे पढ़ने और नौकरी पाने की उनकी इच्छा व्यक्त की थी।