Thursday, July 31

हरिद्वार से अगवा बच्चा दो साल बाद मेरठ के अस्पताल में भर्ती मिला

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मेरठ 18 जनवरी (प्र)। हरिद्वार से दो साल पहले अगवा किया बच्चा मेरठ के गंगानगर स्थित सूर्या अस्पताल में भर्ती मिला। अस्पताल प्रशासन ने जब बच्चे से बात की तो उसने घर का नंबर बताया। इसके बाद अस्पताल से कॉल कर बच्चे के परिजनों को सूचना दी गई। तीन माह पूर्व किशोर मवाना बहसूमा मार्ग पर रहमापुर के पास सड़क हादसे का शिकार हो गया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि हरिद्वार के दो युवकों ने उनके बेटे का अपहरण करके उसे बेच दिया था।

हरिद्वार जिले के श्यामपुर गांव निवासी पुष्पा पत्नी स्वर्गीय राकेश के 11 वर्षीय बेटे राहुल (वर्तमान में 13 वर्षीय) का 3 साल पहले गांव के दो युवक सुधीर और लोकेश ने अपहरण किया था। इसके बाद पुलिस को शिकायत की गई थी और पुलिस ने ही राहुल को सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर बरामद कर लिया था। इसके बाद आरोपी युवकों ने दो साल पहले दोबारा से राहुल को उठा लिया और फरार हो गए। इसके बाद पुलिस से शिकायत की गई, लेकिन पुलिस बरामद नहीं कर पाई। पुष्पा ने बताया कि वह बेटे की तलाश में भटकती रही, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

पुष्पा ने बताया कि 21 दिसंबर 2024 को मेरठ के मवाना रोड स्थित सूर्या अस्पताल से उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आया था। उन्हें बताया गया कि उनका बेटा मेरठ के सूर्या अस्पताल में आईसीयू में भर्ती है। इसके बाद वह अपने देवर विनय के साथ अस्पताल में पहुंची। यहां परिजनों को डॉक्टरों ने बताया कि राहुल के सिर में गंभीर चोट लगी है। काफी दिनों तक उपचार चलने के बाद जब उसकी हालत में सुधार हुआ तो उसके परिवार के बारे में पूछा गया। इसके बाद राहुल ने अपने घर का फोन नंबर बताया था।

महिला ने बताया कि आरोपियों ने उसके बेटे का अपहरण करके मेरठ के रहमापुरा में किसी किसान को बेच दिया था। आरोपियों पर कार्रवाई के लिए महिला ने गंगानगर पुलिस से भी शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

रहमापुर के पास हादसे का शिकार हुआ राहुल
31 अक्टूबर 2024 को रहमापुर गांव के पास बाइक सवार तीन किशोरों को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में रहमापुर निवासी 15 वर्षीय आर्यन की मौत हो गई थी। इसके अलावा पीछे बैठे हुए अभि व राहुल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि कुंवरपाल व विपिन नाम के दो व्यक्ति राहुल को अस्पताल में भर्ती कराकर मौके से भाग गए थे। उन्होंने राहुल का नाम सोनू और पिता को नाम भी गलत बताया। बताया गया कि आरोपियों ने पहले तो बच्चे को कंकरखेड़ा क्षेत्र में किसी किसान को बेचा था। इसके बाद वह रहमापुर में किसान के यहां बेच दिया था और वहीं मजदूरी कराई जा रही थी। अपहरण के समय बच्चे की उम्र करीब 11 साल थी। फिलहाल राहुल 13 वर्ष का है।

अस्पताल ने दिखाई मानवता
जहां एक तरफ अस्पतालों में बिना पैसे दिए उपचार भी शुरू नहीं किया जाता, वहीं सूर्या अस्पताल ने राहुल का करीब 50 दिन तक बिना किसी रकम के उपचार जारी रखा। हादसे में शिकार हुए राहुल के सिर में बेहद गंभीर चोट लगी है। इसके चलते राहुल न तो सही ढंग से किसी को पहचान रहा था और न ही बोल पा रहा था। उसके शरीर का एक तरफ का हिस्सा भी काम नहीं कर रहा है।

अस्पताल संचालक आमोद भारद्वाज ने बताया कि उनकी तरफ से राहुल को आईसीयू में रखकर बेहतर से बेहतर उपचार दिया जा रहा है। राहुल बेहद गरीब परिवार से है। अस्पताल की तरफ से पीड़ित परिवार के लिए हर संभव मदद की जा रही है। राहुल की मां पुष्पा ने बताया कि अस्पताल की तरफ से अभी तक परिवार से कोई बिल भुगतान नहीं लिया गया है।

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