श्रीनगर 10 नवंबर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इस अभियान में कई राज्यों में समन्वित तलाशी के दौरान सात प्रमुख आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया और भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और लगभग तीन टन आईईडी सामग्री बरामद की गई।
इससे यह साबित होता है कि अंसार-गजवत-उल-हिंद जैश-ए-मोहम्मद की मदद से जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर अपनी सक्रिया बढ़ा रहा है। अभी तक गिरफ्तार किए गए दो डॉक्टरों में से एक अनंतनाग का रहने वाला था और उसे शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया गया था। दूसरे डॉक्टर, मुजामिल शकील को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया है और वह पुलवामा का रहने वाला है।
पुलिस अभी तक इस ग्रुप के तीसरे डॉक्टर को पकड़ नहीं पाई है। एजीएच अल-कायदा से जुड़ा है, जिसकी स्थापना वर्ष 2017 में हुई थी। उस समय इस ग्रुप का नेतृत्व कमांडर जाकिर मूसा कर रहा था।
अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई 19 अक्टूबर को श्रीनगर के बनपोरा नौगाम में विभिन्न स्थानों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर मिलने के बाद की गई है। नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम सहित कई धाराओं के तहत एफआईआर संख्या 162/2025 दर्ज की गई और एक उच्च-स्तरीय जांच शुरू की गई।
जांच में अधिकारियों द्वारा “व्हाइट कॉलर आतंकवादी तंत्र” का पता चला, जो एक परिष्कृत नेटवर्क है, जिसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल हैं। ये लोग कथित तौर पर पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी आकाओं के संपर्क में हैं।
पुलिस ने कहा कि समूह ने समन्वय, विचारधारा, धन हस्तांतरण और रसद के लिए एन्क्रिप्टेड संचार चैनलों का इस्तेमाल किया। कथित तौर पर धन पेशेवर और शैक्षणिक हलकों के माध्यम से सामाजिक या धर्मार्थ कार्यों के नाम पर जुटाया गया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों की हुई पहचान
यह मॉड्यूल धन जुटाने, रसद की व्यवस्था करने और हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री खरीदने के अलावा, व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी समूहों में भर्ती करने में भी शामिल था।” गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान आरिफ निसार डार उर्फ साहिल निवासी नौगाम, श्रीनगर, यासिर-उल-अशरफ निवासी नौगाम, श्रीनगर, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद निवासी नौगाम, श्रीनगर, मोलवी इरफान अहमद (मस्जिद के इमाम) निवासी शोपियां, जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा निवासी वाकुरा गांदरबल, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी उर्फ मुसैब निवासी कोइल, पुलवामा और डॉ. अादील निवासी वानपोरा, कुलगाम के रूप में हुई है।
इस अभियान में दो पिस्तौल, दो एके-सीरीज़ राइफलें और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और आईईडी बनाने वाली सामग्री बरामद हुई, जिसमें रसायन, अभिकर्मक, ज्वलनशील पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, रिमोट कंट्रोल, बैटरी, तार, टाइमर और धातु के टुकड़े शामिल थे। बरामद हथियारों में गोला-बारूद सहित एक चाइनीज़ स्टार पिस्तौल, गोला-बारूद सहित एक बेरेटा पिस्तौल, गोला-बारूद सहित एक एके-56 राइफल और गोला-बारूद सहित एक एके क्रिंकोव राइफल शामिल हैं।
