Monday, September 16

दिल्ली रोड पर कई भवन गिरने की हालत में, अदालत में घसीटेंगे रैपिड अफसरों को

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 07 सितंबर (प्र)। करीब साल भर से राहत के लिए दर-दर भटक रहे दिल्ली रोड के कारोबारी रैपिड रेल प्रशासन के अफसरों को हाईकोर्ट में घसीटेंगे। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर जितना भी प्रयास कर सकते थे, वो करते-करते अब उनका सब्र का बांध टूट रहा है। उनके मकान और दुकान किसी भी वक्त जमींदोज हो सकते हैं। पीड़ित कारोबारी अनिल जैन ने बताया कि अपने हालात से स्थानीय प्रशासन के तमाम उच्च पदस्थ अफसरों के अलावा मंत्री, सांसद व विधायक के तथा केंद्र व प्रदेश सरकार का हिस्सा तमाम लोगों को जमीनी हकीकत से रूबरू कराया जा चुका है, लेकिन कहीं से भी राहत की सूरत नजर नहीं आ रही है। ऐसे रैपिड प्रशासन के अफसरों को कोर्ट में घसीटने के अलावा उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं बचा है। उनका साफ कहना है कि वो लोग रैपिड प्रोजेक्ट के खिलाफ नहीं, लेकिन इसकी वजह से जो उनके आशियाना व कारोबार पर बन आयी है उसके नुकसान की तो भरपाई की जाए। दिल्ली रोड पर वीको के नाम से इलेक्ट्रोनिक्स शोरूम चलाने वाले ने बताया कि

दिल्ली रोड फुटबाल चौराहे के आसपास चल रहे रैपिड रेल के अंडर ग्राउंड स्टेशन के काम की वजह से उनके प्रतिष्ठान और गोदाम की दीवारें काफी खिसक गई हैं। उनका खिसकना अभी भी जारी हैं। तमाम विशेषज्ञों को बुलाकर इसकी जांच करायी जा चुकी है। अनेक बार मरम्मत भी करा चुके हैं, लेकिन फिलहाल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। दीवारों का खिसकना लगातार जारी है।

वीको प्रतिष्ठान तथा आसपास के तमाम दूसरे प्रतिष्ठान मालिकों की शिकायत पर वाया जिला प्रशासन रैपिड रेल प्रोजेक्ट के कई सीनियर इंजीनियर यहां का दो बार दौरा कर चुके हैं। एक दिन पहले जिला प्रशासन के बुलावे पर रैपिड के दो इंजीनियर कलेक्ट्रेट भी पहुंचे थे, लेकिन कोई रास्ता निकाला जा सका।

पीड़ितों का आरोप है कि रैपिड रेल प्रोजेक्ट जरूरी है इसमें किसी प्रकार की बाधा की कोई गुंजाइश नहीं है। इसमें जो भी होना है वह रैपिड अफसरों के स्तर से किया जाना है। पीड़ितों का कहना है कि यह कहकर स्थानीय प्रशासन के उच्च पदस्थों ने भी हाथ खडेÞ कर दिए हैं। ऐसे में उनके पास कोर्ट के पास जाने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं।

Share.

About Author

Leave A Reply