मेरठ 09 अगस्त (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण से मकान का नक्शा मंजूर करने के लिए सड़क की चौड़ाई का मानक नौ मीटर से कम करके साढ़े सात मीटर कर दिया गया है। हालांकि, अब भी इसका लाभ उन 366 कॉलोनियों को नहीं मिलेगा, जो पहले से अवैध कॉलोनियों की सूची में दर्ज हैं। उधर, इस बदलाव के अनुसार प्राधिकरण सॉफ्टवेयर में भी जरूरी बदलाव कर रहा है। ताकि नए नियम से नक्शे पास किए जा सकें।
मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी संजय मीणा का कहना है कि अवैध कॉलोनियों में अभी भी नई आवास उपविधि लागू नहीं होगी। मास्टर प्लान में मेडा जोन ए, बी, सी, डी में 279 कॉलोनियों को वैध माना गया है। इसके साथ शहर में 40 साल पुरानी बनी 119 कॉलोनियों को रेगूलाइज की श्रेणी में रखा गया है। इसके साथ खेतों में प्लाट काटकर बनाई गई 366 कॉलोनियों को अवैध चिह्नित किया है। इन कॉलोनियों में नक्शा मंजूर न करने का प्रतिबंध रहेगा।
इन शर्तों के साथ पास होगा नक्शा
7.50 मीटर चौड़ी होने के साथ सड़क की लंबाई 200 मीटर होनी जरूरी है।
उसी सड़क पर स्थित मकान का नक्शा पास होगा, जो सरकारी बजट से बनी होगी।
बिल्डर की बनाई सड़क पर साढ़े सात मीटर चौड़ी सड़क होने पर भी नक्शा पास नहीं होगा।
10 साल पहले की गई चिह्नित
10 साल पहले अवैध चिह्नित की गईं इन कॉलोनियों में मानक के अनुसार सड़कें, ड्रेनेज सिस्टम, सीवर, पार्क व अन्य सुविधाएं नहीं हैं अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की कवायद कई वर्षों से चल रही है, लेकिन नियमितीकरण के मानक कड़े होने से कुछ नहीं हो पा रहा है। शासन में भी यह मामला गया मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई शहर में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बन सकी। ऐसे में ये कॉलोनियां अवैध की सूची में शामिल हैं। मेडा इनके नक्शे पास नहीं करता है। अब मानचित्र पास करने के मानक सरल किए जाने का भी इन कॉलोनियों को फायदा नहीं मिलेगा। जिससे अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों का नई आवास उपविधि का कोई फायदा नहीं होगा।
शहर की प्रमुख अवैध कॉलोनियां
द्वारिकापुरी के सामने सिटी गार्डन के पास नूर नगर, माधवपुरम के पास साठ फूटा रोड, ईरा गार्डन के पीछे, सौ फुटा रोड फतेहल्लापुर, ग्राम लिसाड़ी, पीर वाली गली बजाट, जामिया रेजीडेंसी बिजली बंबा, सौ फुटा रोड बिजली बंबा, शिव धाम परतापुर आदि हैं। मेडा के जोनल इंचार्ज अर्पित यादव का कहना है कि 366 अवैध कॉलोनियों में साढ़े सात मीटर चौड़ी सड़क वाले मकानों के नक्शे तब तक पास नहीं किए जाएंगे, जब तक ये अवैध की श्रेणी में हैं। भविष्य में शासन इन कॉलोनियों को वैध कर देगा तो यहां भी नक्शे पास किए जाएंगे। इसे लेकर विचार चल रहा है।