मेरठ 08 जुलाई (प्र)। मेरठ बार एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बार का शुल्क जमा न करने पर 1346 अधिवक्ताओं की बार से सदस्यता समाप्त कर दी है। साथ ही डेढ़ हजार अधिवक्ताओं को चेतावनी दी गई है कि जिनका मार्च-2025 से शुल्क बकाया है तो वह 15 जुलाई तक जमा कर दें, अन्यथा उनका नाम भी बार की सदस्यता से हटा दिया जाएगा। साथ ही मेरठ बार एसोसिएशन ने सदस्यता शुल्क में वृद्धि कर दी है। अब न्यूनतम शुल्क 1500 रुपये कर दिया गया है।
सोमवार को मेरठ बार एसोसिएशन की आवश्यक बैठक सुभाष चंद्र बोस सभागार में हुई। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष संजय शर्मा एवं संचालन महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा द्वारा किया गया। बैठक में सर्वसमिति से निर्णय लिया कि 1346 अधिवक्ताओं की सदस्यता शुल्क दिसंबर 2022 के बाद जमा नहीं हुई है। इन सभी की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।
जिन अधिवक्ताओं का सदस्यता शुल्क मार्च 2025 से पूर्व बकाया है तो वह अपनी सदस्यता शुल्क का भुगतान 15 जुलाई 2025 तक मेरठ बार के कार्यालय में कर ले, अन्यथा उक्त तिथि के पश्चात उन अधिवक्ताओं के नाम भी सदस्यता से काट दिए जाएंगे।
वहीं, मेरठ बार एसोसिएशन में सदस्यता ग्रहण करने हेतु प्रवेश शुल्क में वृद्धि की गई है, जिसमें 30 वर्ष से कम आयु की अधिवक्ता के लिए अब शुल्क 1500 रुपये निर्धारित किया गया है।
30 वर्ष से 50 वर्ष तक की आयु के अधिवक्ताओं के लिए सदस्यता शुल्क 2150 से बढ़ाकर 5100 रुपये और 50 वर्ष से अधिक उम्र के अधिवक्ताओं के लिए सदस्यता प्रवेश शुल्क 11000 रुपये निर्धारित की है, जो अब तक 12,200 में आजीवन था।