Monday, December 23

लापरवाही है चरम पर! 47 साल में सरकार का सपना साकार नहीं कर पाया मेरठ विकास प्राधिकरण, वीआईपी क्षेत्रों को छोड़कर बदहाल है कॉलोनी सड़क और पार्क, जरूरी सुविधाएं भी नहीं मिल रही

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हर जरूरतमंद व्यक्ति को नॉ प्रॉफिट नॉ लोस पर सिर पर छत और व्यापार के लिए जगह उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा लगभग 50 साल पूर्व इसके लिए एक विभाग बनाने का सपना देखा गया। 47 साल पहले मेरठ विकास प्राधिकरण के रूप में वो जमीन पर उतरकर सामने आया। इस लंबे सफर में प्राधिकरण द्वारा 13 कॉलोनियां बनाने के साथ ही सूरजकुंड का विकास कराया गया दावा किया जा रहा है। पूर्व में इसका काम जिलाधिकारी देखा करते थे बाद में एमडीए और नगर निगम का काम उपाध्यक्ष और नगरायुक्त के रूप में एक ही व्यक्ति देखने लगा। मैं यह तो नहीं कहता कि इन 47 सालों में कोई उपलब्धि इस विभाग ने प्राप्त नहीं की। लेकिन यह जरूर कह सकता हूं कि जो सपना इसे लेकर सरकार ने देखा था वो पूरा नहीं हुआ।
वीसी साहब कह रहे हैं कि अवैध कॉलोनियों पर हम अंकुश लगा रहे हैं। अवैध कॉलोनियों की बढ़ती संख्या और ध्वस्तीकरण के नाम पर खोखले दावे इस बात का उदाहरण है कि हो क्या रहा है। मैं नहीं कहता पिछले दिनों इस विषय को लेकर कच्ची कॉलोनी काटने वालों ने प्राधिकरण के अफसरों पर आरोप लगाए। नेताओं और लोगों ने अधिकारियों से मिलकर लिखित शिकायत की। कई बार सीएम और मंडलायुक्त भी इस मामले में विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं। बीते दिनों सरकारी निर्माण नीति का पालन ना कराने के चक्कर में लोहियानगर में जो कुछ हुआ उसे लेकर जांच टीम की रिपोर्ट पर मेडा को एनजीटी ले नोटिस दिया। अधिकारी कह रहे हैं कि अवैध निर्माण और कॉलोनियां तुड़वा रहे हैं। बीते दिवस कॉलोनी तुड़वाने के नाम पर अफसरों ने जो किया उससे सरकार की सेक्यूलर छवि और गरीबों का हितैषी होने की छवि प्रभावित होती है। प्राधिकरण की सीमा मंे बेइंतहा कच्ची कॉलोनी कट रही है और मौजूद है लेकिन प्राधिकरण के अफसरों को चार अल्पसंख्यकों व छोटे निर्माण ही नजर आए। जो लाल डोरा कृषि की भूमि पर कॉलोनी बन रही है यह विषय सोचनीय है।
बीते दिनों मेडा द्वारा वसूली हेतु 284 विलफुल डिफाल्टरों को नोटिस जारी किए गए लेकिन इसके लिए दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या किया यह कोई बताने के लिए तैयार नहीं है।
वीसी साहब आप ईमानदार है सब जानते हैं। लेकिन इसी विभाग मेें जब दोषी पनप रहे हैं तो व्यवस्था कैसे चलेगी। लोहियागनर मामले में दोषी एई के विरूद्ध अभी तक कार्रवाई प्रकाश में नहीं आई। अवैध निर्माण कच्च्ी कॉलोनी भ्रष्टाचार को लेकर आरोपितों के विरूद्ध कार्रवाई होने की बात सामने नहीं आई। पार्क और सड़कों का जो हाल है वीआईपी क्षेत्रों को छोड़कर वो सिर्फ सिर्फ भगवान भरासे हैं। रखरखाव करने वालों की मौज आ रही है। ऐसा लोगों का कहना है और इस बात से मैं भी सहमत हूं। आपको 47 साल में प्राधिकरण में कुछ हुआ उसके लिए सख्त कदम सहयोगियों के खिलाफ उठाने चाहिए। मैं अवैध निर्माणकर्ता और उनका किसी भी प्रकार से समर्थन नहीं करता हूं लेकिन कार्रवाई बड़े कच्ची कॉलोनियों और अवैध निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध भी हो जिससे सरकार की छवि न्यायप्रिय बनी रहे इसे भी वीसी को ध्यान रखना चाहिए।

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