मेरठ 26 मई (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण की नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप मोहिउद्दीनपुर को शासन की तरफ से 750 करोड़ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अब जल्द ही किसानों से जमीन खरीदने का काम शुरू हो जाएगा। नोएडा व गुरुग्राम की तर्ज पर इंटीग्रेटेड कालोनी में लग्जरी फ्लैट, डुप्लेक्स मकान, सेमी डुप्लेक्स विलाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ हर व्यक्ति की जरूरत के हिसाब से उससे मकान व प्लाट भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मेडा अधिकारियों ने अपनी नई कॉलोनी इंटीग्रेटेड टाउनशिप कॉलोनी का लेआउट प्लान भी मीडिया में जारी किया।
नेशनल हाइवे, एक्सप्रेसवे, हाइवे, बाईपास, रेलवे लाइन, डेडीकेटेड कॉरिडोर, रीजनल रैपिड रेल से टच है। इसके साथ इसे दो फेजों में बांटा गया है।
लगातार बढ़ रही सीमा
मेरठ की सीमा लगातार बढ़ रही है। महायोजना 2021 जहां 500 वर्ग किमी की थी तो वहीं महायोजना 2031 में दायरा बढ़कर 1043 वर्ग किमी हो गया है। शहरों के विकास के लिए सरकार ने अनुदान को मंजूरी दी है। ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पॉलिसी के तहत रैपिड कॉरिडोर पर 3200 हेक्टेयर में मिश्रित भू-उपयोग रहेगा। इसके लिए शहर की 15 जोन में बांटकर जोनल प्लान भी तैयार हो रहा है। मेड़ा की प्लानिंग के मुताबिक आईटी जोन में भी 50 हजार दफ्तर खोले जाएंगे, जिनमें एक लाख 66 हजार कर्मचारी काम करेंगे।
इंटीग्रेटेड की चर्चा गाजियाबाद से दिल्ली तक
गाजियाबाद से सटे जिले की सीमा के पास पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप मोहिउद्दीनपुर की चर्चा मेरठ से लेकर नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली व गुरुग्राम तक हो रही है। इस टाउनशिप को मोहिउद्दीनपुर, छुज्जुपर, इकला गांव को फेज वन व दौलतपुर व कायस्थ गांवड़ी गांव को फेज-2 में बांटा गया है। यह कॉलोनी गाजियाबाद से सटे मेरठ की सीमा से लगे मोहिउद्दीनपुर में बसाई गई है।
ये है कॉलोनी की खासियत
इस कॉलोनी की खासियत ये है कि मेट्रो स्ट्रेशन से इस कॉलोनी का 10 मिनट का रास्ता है। शासन से इस नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप की मंजूरी मिल चुकी है। इस कॉलोनी से लोगों को काफी आस है जो लोग मेरठ से गाजियाबाद, नोएडा या दिल्ली जाते हैं। उनके लिए यह कॉलोनी किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी। इस कॉलोनी में लोगों के लिए सस्ते रेट पर मकान व फ्लैट बनाए जाएंगे। लोगों को मकान व फ्लैट किश्तों में भी दिए जाएंगे। जिससे वह पलैट का 20 प्रतिशत जमा करके बाकी बची रकम की किश्त जमा कर सकें।