लखनऊ 02 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने दारुलशफा और आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर नया विधानभवन बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसके लिए अब खुले क्षेत्र में कम से कम 200 एकड़ जमीन तलाशने का निर्देश दिया है। नया विधानभवन बनाने के लिए जमीन तलाशने की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को दी गई है। उन्होंने जमीन तलाशने का काम जल्द पूरा करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने ये निर्देश रविवार को नए विधानभवन बनाने के प्रस्ताव का प्रजेंटेशन देखने के बाद दिया। बताया जा रहा है कि इससे पहले दारुलशफा और उसके आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर विधानभवन बनाने के प्रस्ताव में यातायात समेत कई तरह की समस्या का जिक्र किया गया है। इसे देखते हुए ही मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए नए स्थान पर जमीन तलाशने के निर्देश दिए हैं ।
मुख्यमंत्री को एलडीए को शहर से सटे व खुले स्थानों पर जमीन तलाशने को कहा है। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि ऐसे स्थान पर जमीन देखी जाए, जहां पर पार्किंग, सुगम यातायात समेत अन्य सुविधा मुहैया कराने में किसी प्रकार का अड़चन न आए । इसके लिए कम से कम 200 एकड़ जमीन होनी चाहिए ।
बताते चले कि दिल्ली में संसद भवन की तर्ज पर प्रदेश सरकार भी राजधानी में नया विधानभवन बनाना चाहती है। इसके लिए पिछले साल से ही जमीन तलाशने की कवायद जारी है। सरकार चाहती है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर 25 दिसंबर को नये विधानभवन की आधारशिला रख दी जाए। सरकार की कोशिश है कि 18वीं विधानसभा का कम से कम एक सत्र का आयोजन नई विधानभवन में किया जा सके। इसी कड़ी में दारुलशफा और उसके आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर नया विधानभवन बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था । इसके लिए कंसल्टेंट का चयन किया गया था। सूत्रों के मुताबिक कंसल्टेंट ने सर्वे और मिट्टी की जांच का काम पूरा कर लिया था। मुख्यमंत्री द्वारा अब इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री के सामने दिखाए गए प्रजेंटशन में कई स्थानों पर उपलब्ध जमीनों की जानकारी दी गई है। इनमें फन सिनेमा के पिछे स्थित एलडीए की जमीन, कैंटोमेंट के पास तेलीबाग में स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, वृंदावन योजना में खाली जमीन और सुल्तानपुर रोड पर उपलब्ध जमीन के बारे में जानकारी दी गई है।