Tuesday, October 14

बिलेश्वर नाथ मंदिर की गरिमा और पुरातत्व पृष्ठ भूमिका को बचाने हेतु एनजीटी ने की कार्रवाई, हटाये जाएंगे अवैध कब्जे, खुलेगा कुंआ, प्रमुख सचिव सहित 25 को नोटिस

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मेरठ 17 मई (प्र)। धार्मिक ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि वाले बिल्वेश्वर नाथ मंदिर की प्रतिष्ठा मान सम्मान और गौरव को बचाने और यहां हो रहे अवैध कब्जों को रोकने के साथ ही सरकार द्वारा कुंए और तालाब खुदवाने की नीति के विपरित यहां मौजूद कुएं को भरवाकर भविष्य में यहां दुकाने बनाये जाने की संभावनाओं को दृष्टिगत रख यहां के सम्मानित पुजारी जग्गनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गणेश दत्त शर्मा तथा कैन्ट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष पांच बार सदस्य रहे और पिछले लगभग पांच दशक से जनहित के कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने एवं जन समस्याओं का समाधान कराने में लगे दिनेश गोयल द्वारा आज कैन्ट हनुमान चौक स्थित व्हाइट हाउस होटल में एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजीव ठाकुर तथा एडवोकेट राशि आदि ने मंदिर के संदर्भ में दायर याचिका के उपरांत 25 पक्षों को जारी हुए नोटिस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों में मुख्य सचिव उप्र डीएम मेरठ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आदि के साथ ही गणेश अग्रवाल पवन गर्ग पारस गोयल विजय गोयल हरीश चंद जोशी रूपक जोशी आदि को पार्टी बनाया गया है।

प्रेस सम्मेलन में दी गई जानकारी अनुसार जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि आज श्री दिनेश गोयल और श्री गणेश दत्त शर्मा द्वारा आयोजित यह प्रेस वार्ता मेरठ कैंट के सदर थाने के पीछे स्थित बिल्वेशर नाथ मंदिर में कमरे पर अवैध कब्जा और कुंआ बंद कराने संबंध निर्माण है जहां इलाके में रहने वाले सामान्य लोगों के लिए स्वच्छ भूजल का एक स्रोत था। उक्त मंदिर परिसर में क प्राचीन, विरासत, पुरातात्विक कुआं मौजूद पानी का उपयोग किया जाता था। ऐसी मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी वहां पूजा करने के लिए आती थी और उसी कुएं के पानी का उपयोग करती थी। इस प्रचीन कुएं को कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने व्यक्तिगत लाभ के मकसद से अवैध रूप से भर दिया गया है। ऐसे में इसके विरूद्ध अधिकरण में याचिका दायर की है जिसमें 25 पक्षों को नोटिस जारी किया गया है। इन लोंगों में गणेश अग्रवाल, पवन गर्ग, पारस गोयल, विजय गोयल, हरीश चंद जोशी,रूपक जोशी और अन्य शामिल हैं और प्रशासनिक अधिकारियों में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, डीएम मेरठ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मेरठ विकास प्राधिकरण, एसएसपी ओर उन्य शामिल है। जिन्होंने इन लोगों द्वारा किए गए इतने बड़े अवैध कार्य के खिलाफ आज तक कोई कारवाई नहीं की।

गणेश दत्त शर्मा यहां पर्यावरण, गौशाला, जल आदि के लाभ के लिए काम करते है और हो रहे अन्य अवैध कार्यं के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए तत्पर हैं। बताते चले कि दिनेश गोयल पूर्व सभासद होने के नाते इन अवैध गतिविधियों के बारे में बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। एनजीटी द्वारा इन पक्षों के खिलाफ नोटिस जारी करने के आदेश में बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने अतिक्रमण किया है और उस प्राचीन कुएं को भर दिया है और भविष्य में अधिकतम पैसा बनाने के लिए उन पर दुकानें बनाने और उनहें बेचनें की योजना बना रहे हैं। वह हरीश चंद जोशी और रूपक जोशी ने उक्त मंदिर के एक कमरे पर कब्जा कर लिया, जिसे सत्संग भवन के रूप में जाना जाता है, लेकिन वास्तव में यह बहुत पुराने समय से कुआं वाला कमरा है जिसमें कुएँ का सामान रखा जाता था और वे अवैध रूप से उस कमरे का अपने निजी लाभ के लिए उपयोग करते हैं और इसे अपने निजी कमरे के रूप में उपयोग करते हैं तथा उस कमरे में देर रात पार्टियां करते हैं वर्तमान में वह उस कमरे का व्यक्तिगत रूप से उपयोग कर रहा है, जैसा कि अदालतमें दायर याचिका में बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है। यहां एकत्र किए गए सभी कचरे को ये लोग जगन्नाथ मंदिर के पीछे जला देते हैं। जो कि जगन्नाथ मंदिर का ही हिस्सा है और विरासत की संपत्ति को खराब करता है। इन सभी लोगों का एकमात्र मकसद मंदिर को हड़पना और व्यक्तिगत व्यावसायिक लाभ प्राप्त करना है। हम उक्त मंदिर में अवैध कृत्ज्ञों के खिलाफ और अधिक कानूनी कार्रवाई करने की आशा कर रहे हैं।

भारी तादाद में उपस्थित मीडिया कर्मियों के अलावा पत्रकार सम्मेलन में गौरव गोयल एडवोकेट संजय वाजपेयी आदि विशेष रूप से मौजूद थे। वक्ताओं का कहना था कि मंदिर का पुराना स्वरूप कायम कराने और कब्जे हटवाने के लिए कितना भी प्रयास क्यों न करना पड़े वो किया जाएगा। इस मामले में अगली तारीख 1 अगस्त 2025 को सुनवाई होना बताया गया है। जारी विज्ञप्ति में जिन जिन लोगों को इसमें पार्टी बनाया गया है उन सभी के नाम आदि शामिल किये गये है।

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