Friday, November 22

कोई हाईकोर्ट हाइब्रिड सुनवाई से मना नहीं करेगाः सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली 07 अक्टूबर । इच्छुक वकीलों और वादियों को हाइब्रिड मोड के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंस या सुनवाई की सुविधा देने से इनकार नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गत दिवस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी हाईकोर्ट दो सप्ताह के बाद हाइब्रिड मोड सुनवाई से इनकार नहीं करेंगे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को चार सप्ताह में हाइब्रिड या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई तक पहुंच बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू करने के भी निर्देश दिए हैं।
साथ ही पीठ ने कहा, केंद्रीय आईटी मंत्रालय को ऑनलाइन सुनवाई तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उत्तर पूर्वी राज्यों की अदालतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ध्यान रहे ऐसे तरीके खत्म न हों। सभी हाईकोर्ट में हाइब्रिड सुनवाई में टेक्नोलॉजी के कम इस्तेमाल से नाराज पीठ ने यह निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, अगर आप जज बनना चाहते हैं तो आपको तकनीक को भी समझना होगा। उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी अब पसंद या न पसंद का विषय नहीं रह गया है।

शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों और कुछ न्यायाधिकरणों से इस पर प्रतिक्रिया मांगी थी कि क्या उन्होंने मामलों की सुनवाई के हाइब्रिड तरीके को खत्म कर दिया है, जिससे वकीलों और वादकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी किसी मामले में पेश होने की अनुमति मिल सके।

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