लखनऊ 11 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रॉपर्टी को लेकर एक नया फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अब करोड़ों की संपत्ति को केवल 100 रुपये के स्टांप पर पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर नहीं बेचा जा सकता है। अब पॉवर ऑफ अटार्नी वाली संपत्ति पर व्यक्ति को सर्किल रेट का 7 फीसदी स्टांप शुल्क देना होगा। मगर यह नया नियम केवल बाहरी व्यक्तियों पर लागू होगा। अगर आपका संपत्ति के मालिक से खून का रिश्ता है तो आप केवल 5000 रुपये स्टांप शुल्क देकर संपत्ति बेच सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गत दिवस हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इस विषय पर स्टांप तथा न्यायालय शुल्क पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि, पावर ऑफ अटॉर्नी को स्टांप शुल्क से बाहर रखा गया है। हमने देखा कि शहर-गांव, हर जगह पावर ऑफ अटार्नी की मदद से संपत्ति को खरीदने और बेचने का काफी बड़ा धंधा चलाया जा रहा है। इसकी मदद से बिल्डर और प्रॉपर्टी बेचने वाले स्टांप शुल्क की चोरी भी कर रहे हैं। इन सभी को रोकने के लिए यह अहम फैसला लिया गया है।
पावर ऑफ अटॉर्नी एक बहुत जरूरी कानूनी दस्तावेज होता है। यह दस्तावेज किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति में उसकी संपत्ति से जुड़े फैसले लेने, जैसे उसे बेचना या फिर वित्त का प्रबंधन करना आदि के लिए किसी अन्य व्यक्ति या फिर संगठन को अनुमति देता है। मगर इसका मतलब यह नहीं होता है कि वह शख्स उस संपत्ति का मालिक बना गया है। उसे केवल उस संपत्ति से जुड़े फैसले लेने का अधिकार मिलता है। और यह अधिकार भी केवल असली मालिक की अनुपस्थिति में ही मिलता है।