Monday, December 23

शारदेय नवरात्र के पहले दिन सदर काली माता मंदिर में सुबह से लगी भक्तों की कतारें

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मेरठ 03 अक्टूबर (प्र)। आज 3 अक्टूबर से शारदेय नवरात्र प्रारंभ हो गए है। इसे लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। नवरात्र के पहले दिन मेरठ के देवी मंदिरों में भक्तों की कतारें लगी हुई हैं। भोर 4 बजे से माता के भक्त मंदिरों में मां के दर्शन, पूजन को पहुंच रहे हैं। नवरात्र के लिए मंदिरों में विशेष सजावट भी की गई है।

कैन्ट क्षेत्र सदर में स्थित माता काली का प्राचीन मंदिर 450 साल पुराना बताया जाता है। इसे सिद्धमंदिर माना गया है, कहते हैं मां काली यहां अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं। नवरात्र के लिए मंदिरों में सजावट हुई है। वहीं मंदिरों के बाहर पूजन सामग्री की दुकानें लगी हैं। बाजारों में भी मईया के लिए लाल रंग की चुन्नियां और पोशाकें खरीदने लोग पहुंच रहे हैं। नारियल, फूल, चूड़ी, बिंदी, आलता सहित पूजन का और सामान भी मिल रहा है।

मान्यता है कि सदर क्षेत्र में स्थित प्राचीन सिद्धपीठ मां काली का मंदिर 450 साल पुराना है। मंदिर के स्थान पर पहले शमशान हुआ करता था। यही कारण है कि मंदिर को श्मशान महाकाली के नाम से भी जाना जाता है। शमशान में काली माता की छोटी सी मूर्ति स्थापित थी। लोग यहां आकर पूजा करते। उनकी मुरादें पूरी होने लगी तो मंदिर की ख्याति बढ़ी। मान्यता के अनुसार मां काली सभी सच्चे मन से मांगी गई मुरादे पूरी करती हैं। नवरात्र के दिनों में मंदिर में मां का विशेष शृंगार किया जाता है। सुबह शृंगार के बाद आरती होती है। इसके साथ ही रोजना रात दस बजे नगाड़ों के साथ महाकाली की विशेष महाआरती की जाती है।

वहीं, शास्त्रीनगर स्थित गोल मंदिर, बाबा औघड़नाथ मंदिर, सदर काली मंदिर, सदर वैष्णो धाम मंदिर, जागृति विहार मां मंशा देवी मंदिर आदि में पहले माता रानी का शृंगार किया गया है।

बताते चले कि नवरात्री में नौ दिनों तक जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की नौ शक्ति रूपों की पूजा की जाती है। भक्त नौ दिनों तक व्रत-उपवास रखते हैं। माँ दुर्गा भक्तों के सभी कष्ट हरती है और दुष्टों का नाश करती है। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 02 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। उद्या तिथि अनुसार गुरुवार 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। इस विशेष तिथि पर हस्त नक्षत्र और इन्द्र योग का संयोग बन रहा है। कन्या लग्न प्रात: 6 से प्रात 7:05 तक है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है। वहीं, 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी है। घटस्थापना मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजे से लेकर सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 31 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक है। इन दोनों शुभ योग समय में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।

शारदीय नवरात्र की तिथियां 
3 अक्टूबर: शैलपुत्री
4 अक्टूबर: ब्रह्मचारिणी
5 अक्टूबर: चंद्रघंटा
6 अक्टूबर: कुष्मांडा
7 अक्टूबर: कुष्मांडा
8 अक्टूबर: स्कंदमाता
9 अक्टूबर: कात्यायनी
10 अक्टूबर: कालरात्रि
11 अक्टूबर: महागौरी व सिद्धिदात्री।

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