Sunday, December 22

भगत सिंह जयंती पर पंवार वाणी फाउंडेशन का सीसीएसयू के सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन

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जाति वर्ण धर्म वाले टूटते गये प्रपंच, सबके दिलों में स्वाभिमान बोलने लगा
दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 28 सितंबर (विशेष संवाददाता) चौ. चरणसिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सभागार में पंवार वाणी फाउंडेशन द्वारा शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष आचार्य श्री बालकृष्णजी, मुख्य अतिथि पूर्व सांसद विजयपाल सिंह तोमर, अजय गुप्ता (वासु), राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कवि सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय कवि डॉ. हरिओम पंवार के अतिरिक्त कवि सुमनेश सुमन, कवि दिनेश रघुवंशी, कवि डॉ. अर्जुन सिसोदिया, कवि दिनेश आग आदि कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। सम्मेलन का संचालन डॉ. हरिओम पंवार ने किया।

डॉ. अर्जुन सिसौदिया, साठा चौरासी, हापुड़ रचना शौर्य सिन्धु का विराट ज्वार थे भगत सिंह, जिसमें फिरंगियों की नाव डूब जानी थी। जिस पर स्वतन्त्रता का पावन प्रसून खिला, पंचनद की वो वंश बेल बलिदानी थी। देश भक्ति का जूनून मिला जिसे लोरियों में, सिंहनी का दूध पीये शेर की रवानी थी। रंग दे बसंती चोला गाके फंदा चूम लिया, फाँसी वाला जिसने वो धन्य नौजवानी थी, को भरपूर दाद मिली।

इटावा के देवेंद्र प्रताप सिंह ‘आग’ की रचना जाति वर्ण धर्म वाले टूटते गये प्रपंच, सबके दिलों में स्वाभिमान बोलने लगा, पंचनद वाले वीर रणबाँकुरे के साथ इंकलाब पूरा हिन्दुस्तान बोलने लगा। कोमल रस्तोगी की रचना रंग दे बसंती चोला गाके फंदा चूम लिया, वीर बलिदानियों का भाल हैं भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव संग चढ़ गये फांसी विद्यावती माई के वो लाल हैं भगतसिंह, मातृभूमि के लिए जो स्वप्न होम करती है, ऐसी जवानी की मिसाल हैं भगतसिंह, प्राण दे के रौशन करेगी इतिहास को जो, अमरत्व की वो मशाल हैं भगतसिंह। अंतर्राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पंवार की रचना नई सदी परमाणु बम के गहने पहने बैठी है, घायल धरती मां अम्बर से पीड़ा कहने बैठी है, मुझको ये पूरी दुनिया लाचार दिखाई देती है, चीर हरण के चौसर का दरबार दिखाई देती है, मेरी कलम कामना गाती है जग की खुशहाली की, लेकिन दिल में आग भरी है दुनिया की बदहाली की, पर खूब तालियां बजी।

कार्यक्रम संयोजक ठाकुर शमशेर सिंह व विजय भोला रहे। कार्यक्रम में पतंजलि से आचार्य जी के अतिरिक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राज्य प्रभारी सुनील शास्त्री, विनोद चौधरी, दयाशंकर आर्य एवं मेरठ संगठन के सभी कार्यकर्ता हर्ष गोयल, विपुल सिंघल, नवीन अग्रवाल, सुनील गुप्ता, कमलेश पंवार, ममता सिंघल, सीमा शर्मा, मोना अहलावत, प्रिया रस्तोगी सहित बड़ी संख्या में देश प्रेमी उपस्थित रहे।

आज की पीढ़ी को गलत निर्देशन मिल रहा: आचार्य श्री बालकृष्ण
इस अवसर पर आचार्य श्री बालकृष्ण ने कहा कि आज की पीढ़ी को गलत निर्देशन मिल रहा है। हम देख रहे हैं कि प्रातःकाल उठकर जितने भी जो भी संसाधन है। वह चाहे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक अथवा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जो भी कंटेंट है, वह नकारात्मक है। वह कहीं ना कहीं हमें कमजोर करने का काम कर रहा है। हमें इन चीजों से बचाना है। हमें जीवन में कुछ भी चाहिए, कुछ भी बनना है तो अध्ययन की आदत जरूर डालनी होगी, जितनी बार पढ़ेंगे उतनी बार नया सीखने को मिलेगा। क्रांतिकारी को उनके विचारों को उनके जीवन को जितनी बार पढ़ेंगे जितनी बार सुनेंगे, जितनी बार मनन करेंगे, उतना नया जरूर मिलेगा। दुनिया में एंपॉक्स की शुरुआत हो चुकी है। भगवान करे यह भारत में ना आए, परंतु आपको अश्वगंधा और हल्दी का सेवन इससे बचाव कर सकता है।

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