मेरठ 13 मई (प्र)। एसएसपी आफिस पर हर रोज 100 से 150 तक शिकायतें आ रही हैं। सोमवार को यह संख्या 200 पार हो जाती है। यही हाल डीआइजी और एडीजी कार्यालय का है। शिकायतों की समीक्षा में सामने आया कि ज्यादातर पीड़ित अपने मुकदमों में कार्रवाई के बारे में शिकायत लेकर अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। इस समस्या के निदान को लेकर एसएसपी ने ‘आपरेशन एफआइआर शुरू किया है। इसके तहत प्रत्येक पीड़ित को उसके वाट्सएप नंबर पर मुकदमे में होने वाली कार्रवाई के लिए अपडेट किया जाएगा। तहरीर देने के बाद पीड़ित का थाने और अफसरों के आफिस में चक्कर काटने का काम खत्म हो जाएगा।
24 घंटे में एफआइआर पीड़ित के वाट्सएप पर पहुंचेगी
फिलहाल जनपद के 32 थानों में तीन हजार से ज्यादा मुकदमों की विवेचना लंबित चल रही हैं। उन मुकदमों में विवेचक लगातार पीड़ित के वाट्सएप नंबर पर संपर्क में रहेगा ।
एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि पीड़ित के थाने में तहरीर देने के बाद उसे थाने या अफसरों के आफिस में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। थाने में मुकदमा दर्ज होते ही 24 घंटे के अंदर ही विवेचक ही पीड़ित के मोबाइल नंबर पर संपर्क करेगा। पीड़ित को बताया जाएगा कि उसके मुकदमे की विवेचना वह कर रहा है। पीड़ित के वाट्सएप नंबर पर एफआइआर की प्रति भी भेजी जाएगी। उसके बाद केस डायरी में मुकदमे का जो भी पर्चा काटेगा। आरोपित के एनबीडल्यू यानी गैरजमानती वारंट से लेकर 82 सीआरपीसी (कुर्की से पहले नोटिस की कार्रवाई ) व 83 सीआरपीसी (कुर्की की कार्रवाई) के बारे में वाट्सएप नंबर पर ही अवगत कराया जाएगा।
आरोपित की फरारी पर इनाम से लेकर अन्य कार्रवाई के बारे में भी पीड़ित को पूर्णतय समय अनुसार जानकारी दी जाएगी। मुकदमे में एफआर या आरोप पत्र लगाया जा रहा है, उस स्थिति में भी पीड़ित को 48 घंटे के अंतराल में अवगत कराया जाएगा। उसे यह भी बताया जाएगा कि एफआर या चार्जशीट क्यों लगाई गई है।
लापरवाह विवेचक का निलंबन तय
एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि ‘आपरेशन एफआईआर’ के तहत पीड़ितों को वाट्सएप पर मुकदमे की जानकारी नहीं देने वाले विवेचक के खिलाफ प्रारंभिक जांच कराई जाएगी। दूसरी बार लापरवाही मिलने पर सीधे निलंबन की कार्रवाई तय है। सर्किल के सीओ से स्पष्टीकरण भी मांगा जाएगा। विवेचकों की निगरानी का जिम्मा सीओ का होता है। 15 मई से इस योजना को सभी थानों में लागू किया जाएगा।