Wednesday, July 16

मेडिकल में टोकन सिस्टम से मरीज परेशान… बिना इलाज लौट रहे

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 16 जुलाई (प्र)। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में ओपीडी के लिए आने वाले 50 से अधिक मरीजों को रोजाना बिना उपचार ही वापस लौटना पड़ रहा है। इसकी वजह बन रहा है टोकन सिस्टम।
दरअसल, नेशनल मेडिकल कमिशन ( एनएमसी) की गाइडलाइंस है कि आभा आईडी से जो पर्चे बनेंगे, उन्हें ही मेडिकल में आए मरीजों में गिना जाएगा। इसलिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा पर्चे आभा कार्ड से बनें। लेकिन लोगों की परेशानी हो देखते हुए फिलहाल यहां पर्चे बनाने की तीन व्यवस्थाएं की गई हैं। आभा कार्ड के अलावा अगर किसी के पास आधार से लिंक हुआ एंड्रॉयड मोबाइल है तो वह क्यूआर कोड स्कैन करके पर्चा बनवा सकता है। इसके अलावा जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं या कोई भी मोबाइल नहीं है, उनके लिए तीन केंद्र बनाए गए हैं, जहां से उन्हें टोकन लेना पड़ेगा।

टोकन व्यवस्था का प्रचार प्रसार नहीं किया गया है, जिस कारण मरीज पर्चे की लाइन में लग जाते हैं, बाद में पता चलता है कि उन्हें टोकन लेना है, तब पर्चा बनेगा। उन्हें फिर से टोकन लेकर लाइन में लगता पड़ता है। ऐसे में परेशान होकर कुछ मरीज बिना इलाज के ही वापस चले जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों का कहना है कि उनका अधिकतर समय तो पर्चा काउंटर पर कतार और लंबे इंतजार में ही खत्म हो जाता है। इससे मरीजों के अलावा उनके साथ आने वाले तीमारदार भी परेशान होते हैं।

ऐसे बनती है आभा आईडी
आप सरकारी वेबसाइट या एसीकेओ एप के माध्यम से आभा आईडी बनवा सकते हैं इस एप में आधार नंबर डालेंगे तो आपके मोबाइल पर ओटीपी नंबर आएगा। ओटीपी नंबर डालने पर आपकी आभा आईडी बन जाएगी।
आभा आईडी को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट भी कहा जाता है। यह 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत जारी किया जाता है।

मेडिकल कॉलेज उप प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेश्वर टांक का कहना है कि एनएमसी के निर्देशों के अनुरूप व्यवस्था की जा रही है। कोशिश है कि सभी लोग आभा कार्ड बनवा लें। टोकन व्यवस्था तो लोगों की सुविधा के लिए की गई है। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।

Share.

About Author

Leave A Reply