मेरठ 15 जुलाई (प्र)। गंगा एक्सप्रेस-वे का मेरठ में 22 किमी का काम पूरा हो गया है और बिजौली से शुरू हो रहे गंगा एक्सप्रेसवे पर स्वागत बोर्ड भी लग गया है।
मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे पर बिजली में तैयार इंटरचेंज लाइटों से भी जगमगाने लगा है 12 चरणों में बन रहे एक्सप्रेस-वे का अब तक कुल 93 फीसदी काम पूरा हो गया है बदायूँ तक का सेक्शन इसी महीने में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे उम्मीद जगी है कि इस एक्सप्रेसवे पर जल्द ही वाहन फर्राटा भर सकेंगे।
दरअसल, गंगा एक्सप्रेस-वे को हरिद्वार तक ले जाने की तैयारी है। प्रदेश सरकार ने फरवरी में बजट के दौरान गंगा एक्सप्रेस-वे को हरिद्वार से जोड़ने की घोषणा करते हुए 50 करोड़ का बजट भी आवटित किया था। हालांकि इसका अलाइनमेंट तय होना बाकी है। वहीं, 27 अप्रैल को गढ़मुक्तेश्वर में एक्सप्रेस-वे पर बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण के बाद काम में तेजी आई थी।
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 12 चरणों में ही किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 36,400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। अभी यह छह लेन का एक्सप्रेसवे है भविष्य में जरूरत पड़ने पर आठ लेन तक चौड़ा किया जा सकेगा। 594 किमी लंबा एक्सप्रेसवे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। मेरठ में इसकी लंबाई तितारपुर तक करीब 22 किमी है। इसमें 43 स्ट्रक्चर तैयार करने का दावा किया जा रहा है।
मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज में एनएच-19 पर जुदापुर दादू गांव के पास तक होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज पर खत्म होगा।
परियोजना निदेशक आरआरबी अनूप कुमार सिंह का कहना है कि मेरठ में गंगा एक्सप्रेस-वे का 22 किमी का हिस्सा आता है और उसका काम पूरा कर लिया है। इस पूरे प्रोजेक्ट का 93 फीसदी काम पूरा हो गया है। स्वागत द्वार और लाइट आदि लगाकर तैयार किया जा रहा है।