मेरठ 07 फरवरी (प्र)। ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत विकास निधि और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत करोड़ों के बजट से विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इनमें ठेकेदारों ने जिम्मेदारों से मिलीभगत कर बड़े स्तर पर जीएसटी चोरी का खेल कर दिया। जांच में ऐसे कई प्रकरण पकड़ में आए हैं। ग्राम पंचायत में कराए कार्यों का बजट भुगतान निजी बैंक खाते में करा लिया गया. जबकि बिल विभिन्न कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लगा दिए गए हैं। संबंधित ने पैसा निजी बैंक खाते में जमा कराकर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की भी चोरी कर ली। पंचायती राज विभाग ने ऐसे प्रकरण पकड़ में आने पर नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल ग्राम पंचायत परीक्षितगढ़ देहात, ग्राम पंचायत किनौनी, कूड़ी कमालपुर, बहोड़पुर, पलडा, अमानुल्लापुर व ढढरा आदि में गड़बड़ी सामने आई है। इनके अलावा अन्य ग्राम पंचायतों में भी जांच शुरू कराई गई है।
केस 1
रोहटा विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत किनौनी में वित्तीय वर्ष 2022-23 में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 35 लाख से अधिक की धनराशि जारी की गई थी। इसमें से 30.83 लाख रुपये खर्च हो गए। खर्च हुए बजट में से 24.76 लाख रुपये का भुगतान एक ही फर्म राणा कंस्ट्रक्शन को कई किस्तों में किया गया। भुगतान की प्रक्रिया में निर्धारित नियमों का पालन किसी भी स्तर पर नहीं किया गया। प्रकरण की जांच की गई तो कई तरह की गड़बड़ी सामने आईं। एक से अधिक बार किए गए भुगतान में जीएसटी चोरी होना भी पकड़ में आया है।
केस 2
परीक्षितगढ़ देहात में 15वें वित्त आयोग द्वारा ग्राम पंचायत विकास के लिए जारी की गई केस 2 धनराशि से विभिन्न कार्य कराए गए। साथ ही 17.86 लाख रुपये के बजट का भुगतान नियम तोड़कर दिनेश कुमार नाम के व्यक्ति के निजी बैंक खाते में किया गया। ऐसे ही ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत कार्य कराने के लिए भी बड़ा बजट जारी किया गया। इसमें से आठ लाख रुपये का भुगतान भी दिनेश कुमार को ही किया गया। जबकि बिल बाउचर वरिंदा ट्रेडिंग कंपनी के नाम के लगाए गए हैं। यहां भी जीएसटी चोरी होना सामने आया है।
ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के साथ ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए बजट जारी किया गया है। बजट खर्च व विकास कार्यों की जांच कराई जा रही है। जांच में धनराशि भुगतान में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है। संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों को नोटिस भेजा है। -रेनू श्रीवास्तव, डीपीआरओ
