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सेंट्रल मार्केट मामले में व्यापारियों की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जल्द ही छोड़नी पड़ेंगी दुकानें

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मेरठ 29 अप्रैल (प्र)। सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों की टाइम एक्सटेंशन वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इससे व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है। अब आवास विकास सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की तैयारी शुरू करेगा। हालांकि व्यापारी नेता किशोर वाधवा का कहना है सुप्रीम कोर्ट में अभी एक संशोधन याचिका और एक पुनर्विचार याचिका पेंडिंग है। संशोधन याचिका पर दो मई को सुनवाई हो सकती है। उन्हें कोर्ट, सरकार और जनप्रतिनिधियों पर पूरा भरोसा है।

आवास विकास की शास्त्रीनगर आवासीय योजना में आवासीय भूखंडों पर भू-उपयोग परिवर्तन कर अनाधिकृत निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। सेंट्रल मार्केट भी आवासीय भूखंडों पर चल रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश आर. महादेवन की खंडपीठ ने राजेंद्र कुमार बड़जात्या और अन्य की याचिका पर 17 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए सेंट्रल मार्केट स्थित आवासीय भूखंड संख्या 661/6 पर बने कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में व्यापारियों को कॉम्पलेक्स खाली करने के लिए तीन माह का समय दिया और उसके बाद 15 दिन में आवास विकास को अनाधिकृत निर्माण ध्वस्त करने का आदेश दिया है।

परिषद कॉम्पलेक्स के सभी 22 हिस्सेदारों को नोटिस दे चुकी है। 17 मार्च को आदेश की मियाद पूरी हो रही थी। इस बीच व्यापारियों ने 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में टाइम एक्सटेंशन के लिए याचिका दायर की थी। 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश आर. महादेवन की खंडपीठ ने परिसर खाली करने के लिए मांगे समय को देने पर विचार करने तक आवास विकास से तीन सप्ताह में जवाब मांगते हुए 15 अप्रैल को सुनवाई की तिथि नियत की थी। सोमवार को जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने टाइम एक्सटेंशन की व्यापारियों की याचिका को खारिज कर दिया।

व्यापारियों को अभी दो और याचिका से उम्मीद
भले ही टाइम एक्सटेंशन वाली याचिका खारिज हो गई हो लेकिन व्यापारियों को अभी भी संशोधन के लिए दाखिल की याचिका के साथ पुनर्विचार याचिका से उम्मीद लगी है। व्यापारी नेता किशोर वाधवा ने बताया संशोधन हेतु याचिका पर दो मई को सुनवाई तिथि नियत है। पुनर्विचार याचिका भी पेंडिंग है। इन दोनों याचिकाओं से व्यापारियों को पूरी उम्मीद बंधी है। व्यापारियों को प्रदेश सरकार और जनप्रतिनिधियों से पूरी उम्मीद है कि वे समाधान के लिए व्यापारियों को राहत जरूर देंगे। व्यापारी जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का समय लेकर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराएंगे। दोनों व्यापार संघ भी सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों के साथ हैं।

सेंट्रल मार्केट प्रकरण में कब क्या हुआ
● आवासीय भूखंड संख्या 661/6 वीर सिंह पुत्र भिनका को 30 अगस्त 1986 में आवंटित हुआ था
● संपूर्ण भुगतान के बाद 6 अक्टूबर 2004 में भूखंड की रजिस्ट्री कराई
● 1990 में वीर सिंह ने भूखंड के फ्रंट पर दुकानें बना ली और पीछे मकान, तो आवास विकास ने 19 सितंबर 1990 को नोटिस दिया था
● 31 मई 2011 में आवास विकास ने उक्त भूखंड का कब्जा छोड़ने का नोटिस दिया
● 22 अगस्त 2013 को आवास आयुक्त ने इस भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया
● आवास विकास ने अवैध निर्माण रोकने को 30 जुलाई 2013 को थाना नौचंदी को पत्र भेजा
● 2013 में परिषद ने भूखंड पर अवैध निर्माण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट दायर की
● 5 दिसंबर 2014 को हाईकोर्ट ने 661/6 पर हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए
● व्यापारी राजेंद्र बड़जात्या व अन्य सुप्रीम कोर्ट चले गए और वहां से स्टे मिल गया
● 21 नवंबर 2024 को आदेश सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने परिषद से 499 भवनों पर भी अवैध निर्माण होने की सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए
● परिषद ने एक सप्ताह तक शास्त्रीनगर योजना-3 व 7 में सर्वे कर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की
● 17 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए
● 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने परिसर खाली करने के लिए समय दिए जाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन सप्ताह तक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए आवास विकास से जवाब दाखिल करने को कहा।
● 28 अप्रैल को टाइम एक्सटेंशन वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई राहत नहीं दते हुए इसे खारिज कर दिया गया।

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