Sunday, December 22

पीएम-सीएम दें ध्यान, जनप्रतिनिधियों को होना होगा जागरूक, मेडा नगर निगम बिजली विभाग के अधिकारी यह बताने के साथ कि नए साल में क्या क्या करेंगे बीते वर्ष क्या किया यह बताएं

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केंद्र और यूपी सरकार देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अपने चुनावी वादों और जनहित से संबंध कार्य पूर्ण करने के साथ ही मतदाताओं की समस्याओं के समाधान के लिए जहां तक दिखाई दे रहा है। बजट सुविधाएं और अवसर सभी उपलब्ध कराने के साथ ही अधिकारियों से कहा गया है कि कोई भी समस्या हो तो वो बताई जाए उसका समाधान पूर्ण रूप से कराया जाएगा। फिर भी इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता से नेता तक सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है तथा जनता से सीधा संवाद कायम कर उनकी परेशानियां भी जानी जा रही हैं। और अब तो पूर्ण रूप से भले ही ना हो लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं को विभिन्न सरकारी कमेटियों में स्थान देकर सम्मानित भी किया जा रहा है। लेकिन जनसमस्याओं से संबंध कुछ विभाग जो सरकार की छवि अपने काम से बनाते हैं या धूमिल करते हैं उनमें से ज्यादातर के अधिकारी कुछ को छोड़कर अपने काम से नागरिकों में असंतोष ज्यादा पैदा कर रहे बताए जाते हैं। उनकी परेशानियों का हल ढूंढने की बजाय। आज शहर के कई जागरूक नागरिक मीडिया में यह खबर पढ़कर कि नगर निगम और मेडा नए साल में देगा दस सौगात तथा बिजली विभाग के अधिकारी नियमित विद्युत आपूर्ति तार खंभे और टांसफार्मर बदलने की घोषणाएं कर अब नए सब्जबाग दिखाने के प्रयास कर रहे हैंं। कुछ लोगों का यह कथन बड़ा सही लगा कि आप किसी ज्योतिषाचार्य के पास जाइए तो वह आपका पूर्व बताते हैं तो नागरिक कहते हैं कि कुछ भविष्य के बारे में भी बताईए। लेकिन यहां पावर कॉरपोरेशन, मेडा नगर निगम और स्थानीय निकायों के अधिकारी भविष्य में क्या करेंगे यह तो बता रहे हैं लेकिन बीते वर्षों में उन्होंने क्या किया और सरकार की योजनाओं का कितना लाभ मतदाताओं तक पहुंचाया और जो घोषणाएं पूर्व में की थी वो कितनी पूरी की वो बताने को इनके पास कुछ नजर नहीं आता। जिससे यह स्पष्ट होता है कि पूर्व में लगभग अपनी जिम्मेदारियां निभाने में असफल रहे अधिकारी अब जनता को मुंगेरी लाल के सपने दिखाकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं।
जागरूक नागरिकों की बात सही लगती है क्योंकि बिजली के जर्जर तार खंभे किस स्थिति में यह वो किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। सफाई नालों में गंदगी और सड़कों पर कूड़ा व टूटी सड़कें असलियत बयान कर रही है। रही बात मेडा के अधिकारियों की तो कई बार यह मुददा उठ चुका है कि मेडा के अधिकारी पहले चल रही योजनाओं में कितनी पूरी हुई और उनकी उपलब्धियां कितनी है किसी को पता नहीं और कोई बताने को तैयार नहीं। यह जरूर है कि हवाई दावे करने में इन विभागों के अधिकारियों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए बताए जा रहे हैं। चुनावी वर्ष होेने के बावजूद कुछ को छोड़कर बाकी शांत है या इन अफसरों के द्वारा किए जा रहे वादों में अपनी सहमति दे रहे लगते हैं।
ताज्जुब इस बात का है कि दावे और घोषणाएं करने वाले अधिकारियों की असफलता के बीच जिला प्रशासन और जिलाधिकारी जनमानस को संतुष्ट करते हुए सफलता के साथ कैसे अपने कार्यों का निस्तारण कर रहे हैं। क्योंकि इन विभागोें के हुक्मरानों की असफलता की शिकायत सुनने से ही शायद फुरसत मिलनी मुश्किल है। पीएम साहब और सीएम साहब बजट सुविधाएं और माहौल अफसरों को उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें कार्यों को पूरा करने के लिए भी मानसिक रूप से तैयार किया जाए। वरना यह सरकार की बदनामी का कारण भी बन सकते हैं।

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