बचपन से सुनते चले आये है कि अपने देश में प्रतिभाओं से आगे बढ़ने वालों की कोई कमी नहीं है। और अब जैसे जैसे समय बीता जा रहा है वैसे वैसे ये सोच और मजबूत होती जा रही है। क्योंकि हमारे सर्वगुण संपन्न युवाओं के साथ ही दिव्यांग भाई बच्चे और बहनों द्वारा वो वो करिश्में अपनी मजबूत इच्छा शक्ति तथा साधन न होने के बावजूद जोड़तोड़ और जुगाड़ से किये जा रहे है जिनके बारे में आसानी से काफी लोग तो सोच भी नहीं पाते। इसके उदाहरण के रूप में हम एशियाई पैरा तिरंदाजी और अन्य खेलों में अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर लाने और देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को देख सकते है। क्योंकि पहली बार रिकर्व और कंपाउंड़ के फाईनल में बिना भुजाओं की तीरंदाज एक साधन विहीन परिवार से संबंध जम्मू की तीरंदाज बेटी शीलता देवी और राकेश कुमार को देखा जा सकता है। इसके अलावा दिव्यांग की श्रेणी में आने वाले कई युवा आदि प्रमुख परीक्षाऐं पास कर डीएम और अन्य ऐसे ही महत्वपूर्ण पदों पर बैठकर देश की प्रगति में भूमिका निभाने के साथ साथ खेले के विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमा रहे है। इसमें एक नाम आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई का भी हमारे सामने है। बाकी देश के गली मौहल्लों और आदीवासी क्षेत्रों के साथ साथ सड़क मार्ग से दूर दराज में बसे ग्रामों में मौजूद उत्साह और प्रतिभाओं से संपन्न बच्चों की भी कमी नहीं है।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हमारी केन्द्र और प्रदेश की सरकारें भी दिव्यांग खिलाड़ियों के जोश और हुनर को देखते हुए लगातार पता चलने पर उन्हें हर सुविधा दिला रही है तो समाज सेवी संगठन और जागरूक नागरिक भी इस मामले में पीछे नहीं है। दिव्यांग जनों की प्रतिभा का सबसे बड़ा उदाहरण साईटिस्ट स्टिफन हॉकिन्स को देखा जा सकता है जिनका संबोधन सुनने और उनसे मिलने के लिए बड़े बड़े हर क्षेत्र के लोग प्रयासरत रहते है।
लेकिन यह बड़े अफसोस की बात है कि सब कुछ होते हुए भी कभी कभी ऐसी ऐसी घटनाऐं हो रही है जो शर्म से सिर झुका देती है। यूपी के मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट के मजीदनगर निवासी पिता पुत्रों ने दिव्यांग ई-रिक्शावाले इरशाद से 2 लाख रूपये की रंगदारी मांगी और न देने पर उसका उत्पीड़न करने की कोशिश की इस संदर्भ में प्राप्त खबर के अनुसार बीते 12 नवंबर को आरोपियों ने उसके गैराज पर पहुंचकर उसे पीटा। दूसरी तरफ कई बार होटलों और अन्य स्थानों पर दिव्यांग जनों को आने जाने में परेशानियां पड़ती है कभी कोई उन्हें होटल में नहीं आने देता तो कभी हवाई जहाज में नहीं बैठने दिया जाता। तो कभी धार्मिक स्थलों पर रोक दिया जाता है कितने ही स्थान ऐसे है जहां दिव्यांग बिना गाड़ी के नहीं जा सकते लेकिन वहां इनके लिए सुविधाऐं उपलब्ध नहीं होती।
मेरा मानना है कि देश के हर कोने में हर जगह दिव्यांग जन जा सके इसके लिए रेलवे स्टेशनों बस अड्डों हवाई जहाजों होटलों मुख्य बाजारों मंदिरों आदि में इन्हें निशुल्क रूप से आधुनिक सुविधाओं से युक्त व्हीलचेयर आवागमन के लिए दिलाई जाए।
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से मेरा आग्रह है कि एक इस पूनित कार्य हेतु कमेटी जम्मू कश्मीर की तीरंदाज शीतला देवी भारतीय तीरंदाज राकेश कुमार आईएएस सुहास एलवाई आदि को लेकर केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग बोर्ड के राष्ट्रीय स्तर पर सदस्य अपनी अच्छी और साकारात्मक सोच और जीवंटता के चलते एक समय में पूरी तौर पर सही सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन यापन कर रहे एक घटना में चलने फिरने और उठने बैठने की शक्ति गंवा चुके इस परिस्थिति में भी फर्श से उठकर अर्श तक पहुंचे रियल स्टेट कंपनी एपेक्स ग्रुप के चेयरमैन अतुल गुप्ता की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर एक कमेटी बनाई जाए और उन्हें पावर दी जाए कि पूरे देश के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर उनके माध्यम से दिव्यांगों के सामने आने वाली समस्याओं का सर्वे कराया जाए और फिर इनको आगे बढ़ाने और देश के विकास में इनके योगदान को देखते हुए इन्हें वो सभी सुविधाऐं दी जाए जो जरूरी है।
बताते चले कि ऐतिहासिक जनपद मेरठ के शहरी इलाके में सामान्य परिवार में जन्मे और फिर निरंतर कई वर्षों तक रोटी और व्यवसाय हेतु संघर्ष करने में लगे रहे अतुल गुप्ता। जानकारों के अनुसार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी शाताब्दी नगर की जनसभा में जब मेरठ आये तो मंच में उन्हें बुके देकर उनका स्वागत अतुल गुप्ता द्वारा किया गया था। आरएसएस के संघ संचालक आदरणीय मोहन भागवत जी भी जब संघ के एक कार्यक्रम में आये तो बागपत रोड़ स्थित विद्या नॉलेज पार्क कालेज के चेयरमैन प्रदीप जैन व डायरेक्टर विशाल जैन की मौजूदगी में विशेष तौर पर अतुल गुप्ता से बातचीत करते हुए देश के विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उच्च कोटी की सोच आगे बढ़ने की चाह और व्यवसाय में निरंतर अग्रसर होने के लिए उनकी प्रशंसा की थी। इसके अलावा भी सत्ता और विपक्ष के तमाम बड़े नेता और कार्यकर्ता तथा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी समय समय पर अतुल गुप्ता की प्रशंसा करते रहे है। उनकी साकारात्मक सोच और सबको साथ लेकर चलने गरीबों की मदद करने की प्रवृत्ति को देखते हुए मेरा मानना है कि माननीय प्रधानमंत्री जी दिव्यांगों की समस्याओं की जानकारी के लिए बोर्ड का गठन अतुल गुप्ता की अध्यक्षता में कराये जिससे हमारे दिव्यांग भाईयों के समक्ष जो समय समय पर अनेक प्रकार की समस्याऐं उत्पन्न होती है उनको सामने आने से पहले ही उनका समाधान राष्ट्रीय स्तर पर कराया जा सके। और पिछले चार दशक में मैने अतुल गुप्ता जी को जिन जिन रूपों में देखा उससे यही समझ आया कि इनके जैसी सोच रखने वाले व्यक्ति ही ग्रामीण कहावत जिसके पैर न पड़ी विवाई वो क्या जाने पीर पराई को ध्यान में रखते हुए सबके भले की ये ही सोच सकते है। (प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री)
पीएम मोदी जी दे ध्यान! दिव्यांगजनों के समक्ष आने वाली समस्याओं की जानकारियों हेतु अतुल गुप्ता की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर बोर्ड हो गठित
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