मेरठ 10 सितंबर (प्र)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में 300 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए सीसीएसयू की दीवारों और आसपास के क्षेत्रों में पोस्टर लगाए गए हैं। विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों से लेकर कृष्णा प्लाजा की दीवारों तक लगाए गए कई पोस्टर में सीसीएसयू के पांच प्रमुख अधिकारियों पर 300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है।
पोस्टरों में ‘विलेंस ऑफ सीसीएसयू’ की हेडलाइन के साथ कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला, पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी, इंजीनियर मनीष मिश्रा, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र निरंजन और नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर संदीप अग्रवाल के नाम और तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं। इन पांचों पर विश्वविद्यालय के 300 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप लगाया गया है।
विवि में सोमवार को उस वक्त हड़कंप मचा गया, जब उन्हें पता चला कि विवि परिसर और आसपास की इमारतों पर कुछ पोस्टर चिपकाएं गये हैं। सूचना मिलते ही सक्रिय हुए प्रशासन ने इन्हें हटवा दिया। विवि रजिस्ट्रार ने इसे विवि की छवि खराब करने की साजिश करार देते हुए जांच आदि कराकर एफाईआर दर्ज कराने की बात कही। इधर, छात्र प्रतिनिधियों द्वारा भी घटना की निंदा करते हुए इस पर विवि प्रशासन से कड़ा एक्शन लेने की मांग की। साथ ही कहा कि विवि का नाम खराब होने से छात्रों के भविष्य को भी नुकसान है।
घोटाले के आरोपों से जुड़े पोस्टर लगाने वालों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन इस घटना ने विवि के प्रशासन और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। विवि के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों में भी घटनाक्रम को लेकर नाराजगी है और उन्होंने आरोपों की जांच की मांग की है। प्रशासन पर आरोप लगाने वाले इन पोस्टरों ने विवि के माहौल को गरमा दिया है।
इस संबंध में विवि रजिस्ट्रार ने कहा कि जो भी यह सब कर रहा है, सीसीटीवी फुटेज से उसकी पहचान करके जल्द ही उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। मामले को लेकर छात्र प्रतिनिधि शान मौहम्मद ने कहा कि अपनी बात रखने का यह तरीका ठीक नहीं है। कहा कि इससे विवि की छवि खराब होती है और इसका असर यहां पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य पर पड़ता है।