मेरठ 24 मार्च (प्र)। खैर नगर स्थित उषा मेडिकल स्टोर पर ड्रग्स विभाग ने छापेमारी की है। यह वही दुकान है जहां से मुस्कान ने सौरभ की हत्या में इस्तेमाल किए गए बेहोशी के इंजेक्शन खरीदे थे।
जानकारी के अनुसार, मुस्कान ने एक बुजुर्ग व्यक्ति को अपना पिता बताकर यह दवाई खरीदी थी। स्टोर संचालक का कहना है कि उन्होंने डॉक्टर के पर्चे पर ही दवा दी थी। उनके अनुसार रोजाना हजारों ग्राहक दवाई लेने आते हैं, इसलिए मुस्कान किसके साथ आई थी, यह याद नहीं है।
ड्रग्स विभाग की टीम ने मेडिकल स्टोर का स्टॉक चेक किया और सीसीटीवी फुटेज भी देखी। टीम ने एंटी डिप्रेशन सहित अन्य दवाइयों के रिकॉर्ड की भी जांच की। विभाग के अधिकारियों के अनुसार ऐसी दवाइयां केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही दी जा सकती हैं। जांच अभी जारी है। अधिकारियों ने कहा कि अगर बिना पर्चे दवाइयां देने का मामला सामने आया तो स्टोर का लाइसेंस रद्द करने के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुस्कान ने डॉ. अरविंद कुमार देशवाल को दिखाकर एक पर्चा बनवाया था। इस पर्चे में हेरफेर कर मुस्कान ने इसका फोटो अपने मोबाइल में सुरक्षित किया। एक मार्च की दोपहर एक बुजुर्ग को लेकर मुस्कान खैरनगर में उषा मेडिकल स्टोर पर पहुंची थी। मोबाइल में दवा का पर्चा दिखाकर मुस्कान ने तीन दवाएं मिजोलैम इंजेक्शन-5 एमएल, डायजीन टेबलेट और तागारा टेबलेट खरीदी थी। इन्हीं दवाओं का इस्तेमाल कर सौरभ को बेहोश कर उसकी हत्या की गई। मुस्कान ने पुलिस पूछताछ में इसका खुलासा किया, जिसके बाद पुलिस ने उषा मेडिकल स्टोर पहुंचकर छानबीन की। दूसरी ओर, रविवार दोपहर करीब 1.30 बजे ड्रग विभाग की पांच सदस्यों की टीम उषा मेडिकल स्टोर खैरनगर पहुंची। यहां छानबीन शुरू की गई और मिजोलैम की बिक्री का रिकार्ड मांगा गया। नशे या ड्रग के रूप में इस्तेमाल होने वाली तमाम दवाओं को लेकर रिकार्ड की छानबीन की गई। ड्रग विभाग की टीम को मुस्कान द्वारा खरीदी दवाओं का बिल मिल गया। इसके बाद टीम ने मेडिकल स्टोर का एक साल का दवाओं का खरीद-फरोख्त का रिकार्ड सुरक्षित किया है और जांच शुरू कर दी है। ड्रग-नशे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली हर दवा का रिकार्ड मांगा है और खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है।
अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली दवा कैसे दे दी
मुस्कान ने खुद को डिप्रेशन का शिकार बताकर डॉक्टर से पर्चे पर नींद की गोली लिखवाई थी। मुस्कान ने डाक्टर के पर्चे पर मिजोलैम इंजेक्शन लिखा। मिजोलैम इंजेक्शन का प्रयोग अस्पताल के आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर में मरीजों को बेहोश करने के लिए किया जाता है। यह इंजेक्शन डॉक्टर अपने पर्चे पर नहीं लिख सकते। ऐसे में ऊषा मेडिकल स्टोर संचालक ने डाक्टर के पर्चे पर इंजेक्शन दे दिया।
गौरतलब है कि सौरभ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नशीले इंजेक्शन का प्रयोग सामने आया था, जिसके बाद साहिल और मुस्कान को जेल भेजा गया है।