भरतपुर 04 दिसंबर। राजस्थान के पड़ोसी राज्य यूपी से लगी सीमा वाली भरतपुर विधानसभा सीट कुछ अलग है. यही वजह है कि यहां न तो भारतीय जनता पार्टी और न ही कांग्रेस का सिक्का चला. यहां पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के चर्चित दल रालोद का भी मजबूत संगठन काम करता है, यही वजह है कि इस बार यह सीट रालोद के खाते में गई है.
राजस्थान की भरतपुर विधानसभा सीट के लिए रालोद को कांग्रेस का समर्थन था. इस सीट पर सुभाष गर्ग ने दोबारा जीत दर्ज की है. इस चुनाव में सुभाष गर्ग को 80464 वोट मिले हैं. इसके साथ ही बीजेपी प्रत्याशी विजय बंसल को 75284 वोट मिले.
2018 के चुनाव में भी राष्ट्रीय लोकदल ने भाजपा को पछाड़कर भरतपुर में अपनी बादशाहत कायम की थी. ऐसे में इसे रालोद का गढ़ कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इस साल यहां रालोद के सुभाष गर्ग ने बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को धूल चटाई है. हालांकि रालोद और कांग्रेस गठबंधन की वजह से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
साल 2018 के चुनाव में भरतपुर विधानसभा सीट से रालोद ने डॉ. सुभाष गर्ग को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. वहीं भाजपा की तरफ से चुनाव के मैदान में विजय बंसल उतरे थे. चुनावी मुकाबले में रालोद ने भाजपा को करारी शिकस्त दी. रालोद के प्रत्याशी डॉ. सुभाष गर्ग को 52,869 मत मिले थे. वहीं भाजपा प्रत्याशी विजय बंसल को 37 हजार वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहना पड़ा था. इस बार भी कांग्रेस ने यह सीट रालोद के हिस्से में रख छोड़ी है. देखना दिलचस्प होगा कि 2023 के चुनावी रण में किस पार्टी को भरतपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल होती है.
वहीं भरतपुर में राजस्थान को मिली जीत पर रालोद मुखिया जयंत चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई है. जयंत चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा-“भरतपुर की जनता को आभार, दुबारा मौका दिया है!पांच साल किसान-कमेरा, युवा के मुद्दों को आगे रखते हुए राजस्थान में राष्ट्रीय लोकदल को और मेहनत करनी होगी!”