Friday, November 22

वैज्ञानिकों ने पुआल में खोजा प्रोबायोटिक, कई बिमारियों पर रहेगा असरदार

Pinterest LinkedIn Tumblr +

बरेली 14 नवंबर। आईवीआरआई के वैज्ञानिकों को पुआल में प्रोबायोटिक तलाशने में सफलता मिली है। आंतों में होनेवाली कई तरह की बीमारियों में ये काफी असरदार होगा। शुरुआती दो चरणों के सफल परीक्षण से वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं। उनका दावा है कि यह प्रोबायोटिक पशुओं के साथ ही इंसान के लिए भी बेहद गुणकारी होगा।

दरअसल, धान का पुआल खाने से पशुओं के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। इसी बात को ध्यान में रखकर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के वैज्ञानिकों ने इसमें स्वास्थ्यवर्धक प्रोबोटिक की तलाश शुरू की। संस्थान के पशु पोषण विभाग के विभागाध्यक्ष वैज्ञानिक डॉ. एलसी चौधरी के निर्देशन में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अंजू काला ने अपनी टीम के सदस्य डॉ. अशोक कुमार वर्मा, डॉ. वैभव खड्डे और डॉ. नारायण राठौर के साथ पुआल पर शोध शुरू किया। डॉ. अंजू काला ने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षण के दौरान उन्हें पुआल में दो तरह के बेहतर प्रोबायोटिक मिले। ये प्रोबायोटिक आंतों की बीमारियों को ठीक करने में काफी प्रभावी होते हैं। उन्होंने देखा कि जिस जीव पर इन प्रोबायोटिक का इस्तेमाल किया गया।

चूहों पर इस तरह किया गया परीक्षण
वैज्ञानिक डॉ. अंजू काला ने बताया कि पुआल में मिले प्रोबायोटिक का परीक्षण करने के लिए उन्होंने 30 चूहों को दस-दस के तीन ग्रुपों में बांटा प्रतिदिन एक ग्रुप को सामान्य खाद्य पदार्थ, दूसरे को खाद्य पदार्थ के साथ प्रोबायोटिक का सिंगल और तीसरे को डबल डोज दिया गया। दस दिन के बाद पाया गया कि जिन दोनों ग्रुपों के चूहों को प्रोबाटिक का डोज दिया गया था, उनका वजन सामान्य के मुकाबले 12 फीसदी बढ़ गया।

बेहद गुणकारी हैं पुआल में मिले प्रोबायोटिक
डॉ. काला ने बताया कि जिन चूहों को पुआल में मिले प्रोबायोटिक का सेवन कराया गया, उनके आंतों की अवशोषण क्षमता बेहतर रही। उनके शरीर में लैक्टोवैसिलस की मात्रा सामान्य ग्रुप के मुकाबले बेहतर रही। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा भी बढ़ी साथ ही कॉलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण हो गया। वैज्ञानिक का कहना है कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि प्रोबायोटिक का सिंगल डोज ही बेहद असरकारक है। क्योंकि दूसरे और तीसरे ग्रुप का रिजल्ट एक जैसा रहा।

क्या है प्रोबायोटिक
वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रोबायोटिक प्राकृतिक स्रोतों और खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवाणु होते हैं। इन्हें बेतहर बैक्टीरिया कहा जाता है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। आंतों में बेहतर बैक्टीरिया की संख्या में वृद्धि कर पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं ये भोजन को पचाने, कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने पोषक तत्वों को सोखने और रोग प्रतिरोधक की क्षमता को बढ़ाने में मददगार होते हैं।

Share.

About Author

Leave A Reply