मेरठ, 5 मई (प्र)। वरिष्ठ पत्रकारों, संपादकों और संचार क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गत दिवस राज्यसभा सदस्य और भाजपा के सचेतक डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी को लगभग दो विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रशासनिक जवाबदेही, जन योजनाओं की पारदर्शिता और ऐतिहासिक नौचंदी मेले की गरिमा पूर्व की तरह बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने सरकार और प्रशासन की उन नीतियों पर चिंता जताई, जिनका ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन खर्च बजट एवं अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहा है। ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें प्रमुख रूप से रखी गईं।
उत्तर भारत के प्रसिद्ध नौचंदी मेले को उसकी पारंपरिक गरिमा के साथ संचालित किया जाए और इसका मूल स्वरूप कायम रखा जाए।
सरकारी धन से हो रही विकास योजनाओं की जानकारी जिलों के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनसामान्य को दी जाए, न कि सिर्फ अफसरों के माध्यम से।
जिन नीतियों और योजनाओं का ऐलान हुआ है, यदि वे किसी विभाग से संबंधित हैं, तो उन्हें कागज़ी कार्यवाही से निकालकर धरातल पर लाया जाए।
विकास योजनाओं में गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
नगर निगम, आवास विकास, मेरठ विकास प्राधिकरण, रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार, शिक्षा विभाग आदि द्वारा लागू की गई योजनाओं की जानकारी मीडिया के माध्यम से नागरिकों को दी जाए।
स्कूल वाहनों की जांच, पंजीकरण और सुरक्षा मानकों की समीक्षा कर सरकारी नीति के अनुसार उन पर कार्यवाही की जाए। डिप्टी रजिस्ट्रार विभाग स्कूलों से जुड़े मामलों एवं संविधान के अनुसार काम हो रहा है या नहीं इसकी हर साल एक बार जांच हो।
शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई के दौरान अवैध रूप से वसूले जा रहे अतिरिक्त शुल्क के नाम पर हो रही शोषणात्मक गतिविधियों की जांच करेे।
मेरठ विकास प्राधिकरण की महायोजना 2031 की योजनाएं जो अभी लागू नहीं हुईं मगर मेडा के कुछ अधिकारी और कर्मचारी जन चर्चा अनुसार अपने हित में मिली भगत कर लागू होने वाली योजनाओं का लाभ अपने कृपा पात्रों को पहुंचा रहे है उन्हें रोका जाए। महायोजना 2021 का कार्य जो पूरा हो चुका है और जो बचा है, वह सार्वजनिक किया जाए। जिन योजनाओं पर पिछले वर्षों में अत्यधिक खर्च हुआ है, उनकी लेखा जांच हो। यदि भ्रष्टाचार की पुष्टि हो तो जिम्मेदारों पर कार्यवाही हो।
जिन योजनाओं के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है, उनके निर्माण कार्य जल्द शुरू किए जाएं।
स्कूलों की छुट्टी के समय जाम की होने वाली समस्या से छुटकारा और बच्चों की सुरक्षा को लेकर समुचित योजना बनाई जाए।
धार्मिक स्थलों काली पलटन मंदिर वेस्ट एण्ड रोड से जाने वाले मार्गों आदि की मरम्मत की जाए।
सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में सूचना विभाग से मीडिया कर्मियों की सूची के अनुसार पत्रकारों को बुलाकर सरकार के कार्यों की जानकारी साझा की जाए।
समाज में भयमुक्त वातावरण स्थापित करने के लिए असमाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने में असफल थाने को हटाने संबंधी नीति बनाई जाए।
मीडिया से जुड़े मामलों की सुनवाई जिलाधिकारी स्तर पर नियमित रूप से हो और अफसरों को समयबद्ध जवाब देने के लिए बाध्य किया जाए और जिलास्थानीय पत्रकार समिति की हर माह बैठक हो।
प्रशासन द्वारा प्रेस को समय-समय पर सभी को जरूरी जानकारी दी जाए।
विकास और कानून व्यवस्था से संबंधित विषयों पर वरिष्ठ अधिकारियों और अनुभवी पत्रकारों को शामिल करते हुए संवाद स्थापित किया जाए।
नौचंदी मेला समिति में पूर्व की भांति पत्रकारों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाए।
यह ज्ञापन पत्रकारिता और सामाजिक चेतना से जुड़े मुद्दों को प्रभावी रूप से उठाने की एक कोशिश है, ताकि शासन और जनता के बीच संवाद की एक सशक्त कड़ी कायम हो सके।
ज्ञापन सौंपने वालों में हिंदुस्तान और अमर उजाला के संपादक रहे पुष्पेंद्र शर्मा, दैनिक केसर खुशबू टाईम्स के संपादक रवि कुमार बिश्नोई, मजीठिया बोर्ड के पूर्व सदस्य अंकित विश्नोई, पूर्व कार्यवाहक उप निदेशक सूचना मेरठ सुरेंद्र शर्मा, जनसत्ता से प्रदीप वत्स, पॉलिटिकल अड्डा .कॉम से राजेश शर्मा और डॉ. रवीन्द्र प्रताप राणा आदि शामिल रहे।
वरिष्ठ भाजपा नेता राज्यसभा में सचेतक डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी जी को सौंपे गये ज्ञापन में समाहित सभी बिन्दुओं पर साथी वरिष्ठ पत्रकार नीरज कांत राही पूर्व संपादक अमर उजाला वरिष्ठ पत्रकार अनिल बंसल तथा नरेन्द्र उपाध्याय द्वारा भी अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज्यसभा सदस्य डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी को वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा समाज और शासन हित में सौंपा 20 सूत्रीय ज्ञापन, प्रशासनिक जबावदेही पारदर्शिता व जनहित का पैसा सही विकास और नौचंदी मेले से संबंध उठाई मांग
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