Friday, November 22

छह फर्जी फर्मों का पर्दाफाश, पकड़ी गई 14 करोड़ की हेराफेरी

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 15 दिसंबर (प्र)। वस्तु एवं सेवाकर विभाग की जांच में छह फर्जी फर्मों का खुलासा हुआ। इन फर्मों से 78.3 करोड़ रुपये के बिल जारी कर 14.29 करोड़ रुपये की आईटीसी की हेराफेरी की गई। विभाग इस आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम को वापस लेने की प्रक्रिया में जुट गया है। इनमें से एक फर्म का पंजीयन एक व्यक्ति से नौकरी के नाम पर लिए गए प्रपत्रों के आधार किया गया है।

राज्यकर विभाग के अपर आयुक्त श्रेणी-1 सत्यपाल सिंह ने बताया कि विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा की पांच टीमों द्वारा की गई जांच में छह अस्तित्वहीन फर्मों का खुलासा हुआ। इन अस्तित्वहीन फर्मों ने कूटरचित प्रपत्रों का उपयोग कर जीएसटी पंजीयन प्राप्त किया है। ये सभी फर्म केंद्रीय क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पंजीकृत है।

इन फर्मों ने 78.3 करोड़ रुपये की इनवाइस जारी कर प्रदेश और प्रदेश से बाहर की फर्मों को 14.29 करोड़ रुपये की आईटीसी पासऑन की गई। विभाग ने इन फर्मों द्वारा किए जा रहे बोगस आईटीसी ट्रांसफर का डेटा संकलन किया है। साथ ही उच्चाधिकारियों को पंजीयन निरस्तीकरण और अर्थदंड आदि कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजे गए हैं। जिससे भविष्य में होने वाली राजस्व की क्षति पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि इनके द्वारा किए गए आईटीसी क्लेम को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

राज्यकर विभाग के अपर आयुक्त श्रेणी-1 सत्यपाल सिंह ने बताया कि जिले के कस्बा अंबेहटा के गांव हबीबपुर के स्थित एक फर्म की जांच में चौंकने वाला खुलासा हुआ है। फर्म द्वारा अल्प समय में ही 36.37 करोड़ की बोगस बिकी प्रदर्शित की गई। इसमें 6.56 करोड़ की आईटीसी राज्य से बाहर की फर्मों को पासऑन की गई।

Share.

About Author

Leave A Reply