Monday, December 23

होटल एम्प्रेस कोर्ट मालिक और किरायेदार का विवाद थाने पहुंचा, अवैध निर्माण और सराये एक्ट से संबंध बिन्दुओं की भी हो जांच, करोड़ों रूपये किस सुधार पर हुए खर्च

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 04 मई (विशेष संवाददाता)। कैन्ट स्थित हनुमान चौक से काली पलटन मार्ग पर स्थित होटल एम्प्रेस कोर्ट वैसे तो शुरू से ही चर्चाओं में है क्योंकि इसमें सुधार के नाम पर अवैध निर्माण भरपूर तरीके से हुआ। तथा सराये एक्ट में रजिस्ट्रेशन भी गलत जानकारियों के नाम पर कराये जाने की चर्चा रही। जागरूक नागरिकों का यह भी कहना है कि जिस जगह यह स्थित है वहां कमर्शियल गतिविधियां नहीं चल सकती क्योंकि यहां पहले रिहायश थी। सही क्या है गलत क्या है वो तो जांच का विषय है। कुछ का यह भी कहना है कि इसमें रक्षा विभाग की संपत्ति भी जिसकी कैन्ट बोर्ड देखभाल करता है घेरी गई हो सकती है। असलियत तो जांच के बाद ही खुलकर सामने आयेंगी।

मगर फिलहाल एक खबर के अनुसार सदर बाजार में हनुमान चौक स्थित सर्कुलर रोड पर होटल एम्प्रेस कोर्ट की लीज को लेकर विवाद गहरा होता जा रहा है। कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन होने के बावजूद पुलिस ने किराएदार की तहरीर पर कुकरेजा बंधुओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
नौचंदी थानाक्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी संदीप आत्रेय सिविल इंजीनियर बताये जाते हैं। उन्होंने रूड़की रोड स्थित शीलकुंज कालोनी निवासी सुमन आनंद पत्नी सुरेश आनंद के साथ पार्टनरशिप में सदर बाजार के सर्कुलर रोड स्थित एम्प्रेस कोर्ट होटल 2010 में संचालित किया। उन्होंने होटल की बिल्डिंग को सदर बाजार के जुबलीगंज निवासी राजकुमार कुकरेजा, संदीप कुकरेजा और संजय कुकरेजा से 2010 से 2019 तक लीज पर लिया था।

 

राजकुमार कुकरेजा एमईएस में ठेकेदार है, जबकि संजय कुकरेजा ट्रांसपोर्टर है और संदीप कुकरेजा की सदर में आटो स्पेयर पार्ट्स की दुकान है। संदीप आत्रेय का कहना है कि लीज का समय पूरा होने के बाद कुकरेजा बंधु समय बढ़ाने का भरोसा देकर 2023 तक
उससे किराया वसूलते रहे। साथ ही बिल्डिंग को सही कराने में तीन करोड़ की रकम लगवा दी गई। बाद में उसे पता चला कि कैंट बोर्ड से होटल 2018 तक लीज पर था। उसके बाद भी तीनों भाइयों ने 2019 तक एग्रीमेंट बनवा दिया। अब तक प्रोपर्टी की कोई लीज डीड आगे नहीं बढ़ी है ।
उसके बाद कुकरेजा बंधु होटल पर आए और जान से मारने की धमकी देकर होटल खाली कराने का प्रयास किया। थाना प्रभारी शशांक द्विवेदी के अनुसार कुकरेजा भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है।

वहीं संजय कुकरेजा का कहना है कि भले ही कैंट की लीज खत्म हो चुकी है। अभी तो प्रापर्टी उनकी हैं, कैंट उनसे खाली कराएगा। संदीप आत्रेय न किराया दे रहा है, न ही प्रापर्टी को खाली कर रहा है। इसका मुकदमा कोर्ट में भी विचाराधीन है।
जमीन के मालिक संजय कुकरेजा का यह भी कहना है कि किरायेदार पर उनका साढ़े तीन करोड़ बकाया है होटल खाली कराने का मुकदमा जिलाजज के यहां विराधीन है। उन्होंने आरोप लगाया है कि होटल खाली करने के नाम पर उनसे करोड़ों की रंगदारी मांगी जा रही है। उन्होंने इस प्रकरण में एडीजी से मिलकर पूरे मामले से उन्हें अवगत कराया है। और उन्होंने कोई भी मारपीट नहीं की है। बताते है कि सदर बाजार में इनके विरूद्ध मुकदमा तो दर्ज हो गया है। और वर्तमान में होटल संचालक कोशिश कर रहे है कि पुलिस के दबाव में लेकर कुकरेजा बंधुओं को डराया जा सके। सही क्या है गलत क्या है यह तो अलग बात है लेकिन फिलहाल मामले में अब रंगदारी और मारपीट के आरोप लगने लगे है। इसलिए जिला प्रशासन और पुलिस को किसी सक्षम अधिकारी के माध्यम से यह जांच करानी चाहिए कि इसमें कितना अवैध निर्माण हुआ और जो करोड़ों रूपये सुधार के नाम पर खर्च करने की बात होटल संचालक द्वारा की जा रही है वो कहां पर खर्च हुए। अगर सराये एक्ट में रजिस्ट्रेशन है तो किस आधार पर हुआ यह जांच होनी चाहिए क्योकि मौके पर सराये एक्ट का पालन होता नजर नहीं आता है। होटल को लेकर चर्चाऐं तो बहुत है जो सही प्रकार से जांच पड़ताल हुई तो खुलकर सामने आ सकती है।

Share.

About Author

Leave A Reply