धार्मिक दृष्टि से उपयुक्त भद्रा मुक्त समय में इस साल मनाए जाने वाले रक्षाबंधन और यूपी सहित तमाम प्रदेशों की सरकारों द्वारा तीन दिन तक महिलाओं को एक सहयात्री के साथ यात्रा फ्री करने के साथ रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाने की घोषणा यूपी के सीएम ने की। उसे लेकर जो उत्साह भाई बहनों में बना था वो डाक विभाग के नीति कारों की वजह से सब गडबड़ा गया। बताते हैं कि 17 हजार करोड़ का व्यवसाय इस मौके पर होना बताया जा रहा है। जो इस बात का प्रतीक है कि इस त्योहार को लेकर परिवारों में कितना उत्साह और उमंग है। लेकिन डाक विभाग के आला अधिकारियों द्वारा खास राखी के त्योहार पर जहां बहनें डाकघरों के माध्यम से स्पीड पोस्ट आदि से राखियां भेजती है। इस साल यह पता होते हुए कि नौ अगस्त को राखी का त्योहार है चार अगस्त से नया सॉफटवेयर लागू करने की बनाई गई नीति ने त्योहार को लेकर जो उत्साह था उस पर पानी फेर दिया। क्योंकि डाकखाने की योजना समय से लागू नहीं हो पाई। जब हुई तो सर्वर स्लो हो गया। राखियां समय से भाईयों के यहां नहीं पहुंची । इस कारण राखी के धागे से लेकर सोने चांदी रेश्म की डोरी तथा आकर्षक राखियां जो बाजारों में उपलब्ध है वो डाकघरों की लापरवाही से भाईयों तक समय से नहीं पहुंच पाएंगी। वैसे तो यह कोई बहुत बड़ी बात नहीं कह सकते लेकिन यह कहने में कोई हर्ज महसूस नहीं हो रहा कि पीएम मोदी बहनों के खाते में धन डलवा रहे हैं । प्रदेशों के सीएम निशुल्क यात्रा शुरू करा रहे हैं। अन्य सुविधाएं जुटाने में लगे हैं। लेकिन डाक विभाग के अफसरों की नासमझी से त्योहारों का उत्साह काफी हद तक कम होता नजर आया ही पीएम और सीएम द्वारा जो त्योहार को उत्साहपूर्वक मनाने की व्यवस्था की गई थी उसमें भी कमी आई और यह कह सकते हैं कि डाक विभाग के कारण सरकार की जो सुविधा उपलब्ध कराने की योजना थी वो जारी करने के बावजूद इस दृष्टि से सफल नहीं हो पाई। क्योंकि अगर डाक विभाग के अफसर चाहते तो चार अगस्त की बजाय दस अगस्त से भी यह सॉफटवेयर लागू करने का काम कर सकते थे।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
रक्षाबंधन का त्योहार बहने उत्साह से मनाएं इसके लिए पीएम और सीएम के द्वारा किए गए प्रयासों को डाक विभाग ने कर दिया फीका, सरकार नीति के तहत योजना नहीं बना पाए
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