Thursday, November 13

सीसीएसयू में घोटाले का आरोप लगाते हुए सौंपे गए ज्ञापन की सेवानिवृत जज से कराई जाए जांच, कुलपति पत्रकार वार्ता बुलाकर मामले को करें स्पष्ट, प्रवक्ता के लीपापोती से काम चलने वाला नहीं है

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किसी ना किसी मुददे को लेकर चर्चाओं में रहने वाली सीसीएस यूनिवर्सिटी पर छात्र नेताओं के साथ ही विवि के पूर्व छात्र अधिवक्ता आदेश प्रधान ने बीते गुरूवार को परिसर में प्रेसवार्ता कर भ्रष्टाचार के सबूत सीएम योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रधानमंत्री को भेजे जाने की बात कही। एक खबर के अनुसार विवि के बाहर किसानों ने प्रदर्शन कर इस बारे में ज्ञापन सोैंपकर जांच की मांग भी की है। कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ता मुख्य अभियंता मनीष मिश्रा और अन्य अधिकारियों पर 38 पेज के ज्ञापन में करीब 200 करोड़ रूपये की घोटाले के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला, पूर्व वित्त अधिकारी सुशील मिश्रा और वर्तमान वित्त अधिकारी के खिलाफ भी ईडी सीबीआई और लोकायुक्त से जांच कराने की माग भाकियू नेता मुनेंद्र गुर्जर ने की है। यह शिकायत पत्र प्रमुख सचिव शिक्षा, यूजीसी, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी मेरठ, डीआईजी, लोकायुक्त, सीबीआई, ईडी और अन्य संबंधित विभागों को भी भेजा गया है।
यह हैं प्रमुख आरोप

  • बिना नक्शा स्वीकृति कराए दो भवनों का अवैध निर्माण किया गया, जिस पर 14.54 करोड़ रुपये का व्यय हुआ।
  • मरम्मत और अनुरक्षण पर 116.31 करोड़ रुपये (2022-23) व 153.11 करोड़ रूपये (2023-24) खर्च दिखाया गया, जिसकी वैधता स्पष्ट नहीं।
  • 39 लाख उत्तर पुस्तिकाएं और सात लाख प्रायोगिक पुस्तिकाएं बिना आवश्यकता के खरीदी गईं, जिस पर 4.88 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
  • नासर और रूबी नामक दो व्यक्तियों की फर्जी नियुक्तियां दिखाकर लाखों रुपये वेतन के रूप में निकाले गए
  • कुलपति पर सरकारी पद का दुरुपयोग कर निजी संपत्ति अर्जित करने और मेरठ विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से अवैध निर्माण कराने के भी आरोप लगाए गए हैं।
  • आरोप है कि शिकायत करने वाले छात्रों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी जाती रही है।
    इसके उत्तर में विवि प्रशासन की ओर से मीडिया सेल के इंचार्ज प्रो. मुकेश शर्मा द्वारा अपना पक्ष रखते हुए विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. मुकेश शर्मा का कहना है कि विगत वर्षों में हमारे विश्वविद्यालय ने अकादमिक क्षेत्र की सभी विधाओं में उल्लेखनीय प्रगति की है। विश्वविद्यालय को नैक द्वारा A++ ग्रेड, एनआईआरएफ रैंकिंग, दी रैंकिंग, इंडिया टुडे रैंकिंग सहित विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अत्यंत प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त हुए हैं।
    छात्रों के आरोप के उत्तर में विवि प्रशासन के पक्ष में मीडिया सेल इंचार्ज ने जो बिंदु रखे मुझे लगता है कि यह आरोपों का भी जवाब कम और विवि का गुणगान ज्यादा करते हुए सभी आरोपों को तथ्यहीन बताकर विकास की यात्रा में सहभागी बनने का आग्रह किया गया लेकिन जो ज्ञापन सौंपा गया उसमें जो आरोप लगाए गए उनका मीडिया सेल प्रभारी ने कोई सही जवाब शायद नहीं दिया है।
    प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री इस बारे में हर व्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए खूब प्रयास कर रहे हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उच्चस्तरीय शिक्षा के लिए बहुत कुछ कर रहीं है लेकिन सीसीएसयू पर जो यह आरोप और घोटाले के प्रकरण सामने आए हैं उनका प्रो. मुकेश शर्मा द्वारा स्पष्ट जवाब ना दिया जाना संदेह उत्पन्न करता है। अच्छा तो यह है कि कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला पत्रकारों को बुलाकर बिंदुवार इस मामले से अवगत कराती। और जो सरकार को जवाब दिया जा रहा है वो बताया जाता और यह भी स्पष्ट किया जाता कि आखिर विवि में आए दिन विवाद की स्थिति क्यों बनी रहती हैं और घोटालों के आरोप क्यों लग रहे हैं। मैं किसी आरोप को सही गलत नहीं बता रहा हूं लेकिन पीएम और सीएम की भावनाओं के तहत छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए महामहिम राज्यपाल और सीएम साहब द्वारा किसी उच्च स्तरीय एजेंसी या वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अथवा सेवानिवृत जज से इसकी जांच कराई जाए जिससे हर स्थिति स्पष्ट हो सके और विवि में शिक्षा का माहौल सही बना रहे।
    (प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
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