एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर द्वारा डीआईजी कलानिधि नैथानी एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा आदि अधिकारियों के साथ बीते दिवस रामलीला मंचन होने वाले स्थानों का दौरा किया । भैंसाली मैदान और दिल्ली रोड स्थित रामलीला मैदान में होने वाली रामलीलाओं सहित १५ कमेटी के आयोजकों को नोटिस दिए हैं। बताते चलें कि मेरठ रैंज में रामलीला मंचन की संख्या १०२ स्थानों पर तथा रावण दहन ११० स्थानों पर मेरठ में मंचन ३१ स्थानों व रावण दहन ३२ स्थानों पर है। इन १५ कमेटियों को नोटिस देकर सुरक्षा इंतजाम पूरे करने रावण की ऊंचाई कम करने तथा अनुमति की शर्तो का पालन करने सहित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने वा फायर की एनओसी प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी और डीआईजी का यह प्रयास जागरूकता भरा और प्रशंसनीय है। सही समय पर सही निर्णय लेने की कोशिश अधिकारियों ने की है।
पिछले तीन चार दशक में ऐसे धार्मिक मामलों को देखा जाए तो पुलिस अधिकारियों के प्रयास तो सराहनीय है लेकिन जिस तरह जो निर्देश दिए गए हैं उन्हें लागू कराकर रामलीलाएं व रावण दहन संपन्न कराया जाए लेकिन थाना प्रभारियों से भी जवाब तलब किया जाए कि जो कमियां पुलिस अधिकारियों ने देखी उनकी ओर हमेशा कमेटियों के संपर्क में रहने के बावजूद थानेदारों ने क्यों नहीं देखा। मेरा मानना है कि यह त्योहार शातिपूर्ण हो लेकिन अफसरो ने जो खामियां देखी है उन्हें विवरण सहित पूरे प्रदेश के थानों में फाइलों में रखवाया जाए जिससे दशहरा व अन्य अवसरों पर इन खामियों को लेकर किसी तरह की समस्या होने संभावना ना रहें।
अधिकारी फायर विभाग के अफसरों को भी सक्रिय करें क्योंकि जितना देखने में आता है उनके द्वारा जिन मामलों में एनओसी ली जानी चाहिए उन पर समीक्षा कर कार्रवाई हो वो अधिकारी शायद नहीं कर पा रहे हैं। एडीजी व अन्य अधिकारी फायर अफसरों को भी जवाबदेह बनाएं जिससे ऐसे मुददों को कोई विवाद ना हो।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
पुलिस अधिकारियों का प्रयास है सराहनीय, मेला और रामलीला शांति से संपन्न कराई जाएं मगर थानेदारों से हो जवाब तलब
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