मेरठ 16 अगस्त (प्र)। प्रदेश के प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक मेरठ कालेज की प्रबंधन समिति के 1 सितंबर को होने वाले चुनाव में 12-12 घंटे के अन्दर समीकरण बदल रहे है। चुनाव होगा या सर्वसम्मति से पदाधिकारी और सदस्य तय हो जाएंगे यह बात कल 17 को नामांकन फार्म बिक्री की सीमा समाप्त होने के बाद ही तय हो पाएगा कि मैदान में चुनावी जंग होगी या सर्वसम्मति से काम निपटा लिया जाएगा अथवा पदाधिकारी बिना चुनाव के बन जाएंगे और कार्यकारिणी चुनाव होगा यह सब बातें 17 की शाम तक स्पष्ट हो जाएंगी। क्योंकि नॉमीनेशन के बाद वापसी जब होगी फिलहाल तो यह खुलकर सामने आ जाएगा कि मैदान में ये ये लोग उतरे चुनाव तक टिकेगा कौन कौन वो अलग बात है।
दूसरी तरफ वर्तमान प्रबंधन समिति में भी तय किये गये पदाधिकारियों को लेकर अन्दर ही अन्दर पनप रहे असंतोष को भापते हुए स्वर्गीय सेठ दयानंद गुप्ता और रविन्द नाथ सेठ के बाद अब रामकुमार गुप्ता जी जिनके इशारे पर यह सब कार्यवाही चल रही थी उन्होंने उस स्थिति को ध्यान में रख और हर्ष वर्धन बिट्टन एडवोकेट द्वारा अध्यक्ष और मुकेश जैन द्वारा सेकेट्री के पद पर चुनाव लड़ने की घोषणा के उपरांत वर्तमान प्रबंधन समिति द्वारा गत सायं को होटल क्रिसटल पैलेस में एक बैठक की गई। इसमें क्या तय हुआ यह तो अधिकारिक सूत्रों से नहीं पता चला लेकिन मौखिक सूत्रों का कहना है कि रामकुमार गुप्ता की जगह अभी तक सचिव डा0 ओम प्रकाश अग्रवाल अध्यक्ष और सेकेट्री पद पर विवेक गर्ग जोन सेकेट्री पद पर शुभेंन्द्र मित्तल आदि के रहने की संभावना है। इसे सर्वसम्मति का प्रयास भी कह सकते है। लेकिन खबरों से जो सुनने को मिल रहा है उससे पता चलता है कि सेकेट्री पद पर इस शहर की क्लब आदि की राजनीति करने वाला एक प्रमुख नाम भी उभरकर सामने आया था।
एक चर्चा यह भी है कि एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से संबंध शहर की सर्वमान्य सख्शियत के रूप में स्थापित ठाकुर संजीव प्रताप से भी मिलकर लोग यह प्रयास कर रहे बताये जा रहे है कि वो भले ही खुद न लड़े लेकिन अपना एक ग्रुप चुनाव मैदान में जरूर उतारे। वो क्या करेंगे यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन यह सभी जानते है कि सर्वसम्मति से तय हो रहे पदाधिकारियों में से एक विवेक गर्ग और उनकी राय कभी मिली नहीं। इसलिए वो कोई ऐसा ग्रुप उतार सकते है अगर सहमति नहीं हुई तो जो वर्तमान प्रबंधन समिति की सारी रणनीति को फेल कर सकता है। फिलहाल तो हर्ष बर्धन बिट्टन और मुकेश जैन को मनाने की कोशिश हो रही है और जहां तक समझा जाता है यह दोनों ही कालेज की प्रबंधन समिति के चुनाव के पक्ष में नहीं है। इसलिए कार्यकारिणी आदि में सबको समाहित करने से इनसे आपसी समझौते पर मोहर लग सकती है। लेकिन क्लबों की राजनीति के एक बड़ा नाम और पद पर अपना मजबूत स्थान रखने वाले व्यक्ति के भी मैदान में उतरने की चर्चा है। वर्तमान अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज क्या सोच रहे है यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। क्योंकि उनसे कोई वार्ता उक्त खबर लिखे जाने तक नहीं हो पाई।