Monday, December 23

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जयन्त चौधरी की उपस्थिति में किया किसान ट्रस्ट द्वारा चौधरी चरण सिंह पुरस्कारों का पहला संस्करण प्रस्तुत 

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रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डॉ. राजेंद्र सिंह, मक्का वैज्ञानिक डॉ. फिरोज हुसैन, प्रमुख किसान श्री प्रीतम सिंह, प्रख्यात पत्रकार सुश्री नीरजा चौधरी को सम्मानित किया गया
मेरठ 23 दिसंबर (प्र)। भारत के पांचवें प्रधानमंत्री, भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की स्थायी विरासत का जश्न मनाते हुए, चौधरी चरण सिंह पुरस्कारों का पहला संस्करण नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में प्रस्तुत किया गया। किसान ट्रस्ट द्वारा स्थापित, ये पुरस्कार उन व्यक्तियों को मान्यता देते हैं जिन्होंने ग्रामीण विकास, कृषि और सामाजिक कल्याण-क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जो चौधरी चरण सिंह के दिल के करीब थे।

कल शाम आयोजित इस कार्यक्रम में दो केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार और श्री जयन्त चौधरी, माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपस्थित थे।
डॉ. राजेंद्र सिंह, जिन्हें भारत के वाटरमैन के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने देश भर में हजारों जल निकायों को पुनर्जीवित किया है; डॉ. फ़िरोज़ हुसैन, एक प्रख्यात वैज्ञानिक, जो पोषण गुणवत्ता के लिए मक्के के जेनेटिक्स सुधार पर अपने उत्कृष्ट रिसर्च के लिए जाने जाते हैं; श्री प्रीतम सिंह, एक अनुकरणीय किसान जो सस्टेनेबल फार्मिंग प्रैक्टिसेज में अपने योगदान के लिए पहचाने जाते हैं; और प्रख्यात पत्रकार सुश्री नीरजा चौधरी को उनके संबंधित क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

भारत के माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा: “चौधरी चरण सिंह जी की विरासत भारत के किसानों और ग्रामीण समुदायों के उत्थान के लिए अथक प्रयास करने वालों को प्रेरित करती रहती है। चारों पुरस्कार विजेताओं ने किसानों के कल्याण के लिए कम्युनिटी समर्पण में उच्चतम मानक स्थापित किए हैं। हमारी जीडीपी में खेती का सबसे बड़ा योगदान है, किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं।”

श्री प्रधान ने ओडिशा में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह जी के जल संरक्षण में परिवर्तनकारी कार्यों को भी याद किया। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि सरकार मार्केट, प्रोडक्शन, एग्रीकल्चर इंटेलिजेंस और क्रॉप गाइडेंस के बीच मजबूत संबंध बनाने के लिए आईआईटी रोपड़ के सहयोग से कृषि में एआई सहित सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित कर रही है, जिसमें दिखाया जाएगा कि किसानों के कल्याण को और बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने कहा, “भारत सरकार की वर्तमान नीतियां स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी के विज़न को दर्शाती हैं। खरीद मूल्य, किसानों के लिए ऋण राहत, भूमि सुधार और भूमिहीन लोगों के उत्थान पर उनका विजन आज भी प्रासंगिक है। सभी चार पुरस्कार विजेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में अत्यधिक समर्पण और दृढ़ता दिखाई है।”

केंद्रीय कौशल मंत्री ने आगे इस बात पर जोर दिया कि चौधरी चरण सिंह जी कृषि मशीनीकरण और कृषि विज्ञान के प्रबल समर्थक थे और शिक्षा में टेक्नोलॉजी, एआई, एमएल और मेक्ट्रोनिक्स में कौशल उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
चौधरी चरण सिंह जी द्वारा स्थापित किसान ट्रस्ट किसानों के लिए उनके विजन को आगे बढ़ा रहा है। पुरस्कार विजेताओं का चयन करते समय, ट्रस्ट ने यह सुनिश्चित किया कि वे दिवंगत प्रधानमंत्री द्वारा अपनाए गए उन्हीं मूल्यों के अनुरूप हों। 1979 में, उन्होंने ग्रामीण युवाओं को कुशल बनाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक योजना शुरू की।

इस उद्घाटन संस्करण के पुरस्कार विजेता थे: • डॉ. राजेंद्र सिंह, जिन्हें भारत के वाटरमैन के रूप में जाना जाता है, जिन्हें जल संरक्षण में उनके अग्रणी प्रयासों के लिए सेवा रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • डॉ. फ़िरोज़ हुसैन, एक प्रख्यात मक्का वैज्ञानिक, जिन्हें कृषि में उनके अभूतपूर्व रिसर्स के लिए कृषक उत्थान पुरस्कार मिला। • श्री प्रीतम सिंह, एक अनुकरणीय किसान, जिन्हें सस्टेनेबल फार्मिंग प्रैक्टिसेज में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए किसान पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • सुश्री नीरजा चौधरी, एक प्रख्यात पत्रकार, जिन्हें 2024 के आम चुनाव कवरेज के दौरान पत्रकारिता में उनके असाधारण काम के लिए प्रतिष्ठित कलाम रत्न पुरस्कार मिला।

पुरस्कार समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लीडर्स से बनी एक प्रतिष्ठित जूरी शामिल थीं, जिसमें डॉ. यशवीर सिंह (अध्यक्ष, किसान ट्रस्ट), डॉ. ए.के. सिंह (रिटायर्ड डायरेक्टर, इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट), प्रो. तारिक मंसूर (वाइस-चांसलर, एएमयू), श्रीमती सोनिया सिंह (वरिष्ठ पत्रकार) और श्री प्रवीण जैन (सीनियर फोटो-जर्नलिस्ट) शामिल थे, जिन्होंने पुरस्कार विजेताओं की चयन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और किसान ट्रस्ट की ट्रस्टी चारू सिंह भी मौजूद थीं।
इस अवसर पर, चौधरी चरण सिंह के जीवन और योगदान पर विस्तृत जानकारी देने वाली एक पुस्तक का भी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा लोकार्पण किया गया, जिससे उनकी विरासत और मजबूत हुई। कार्यक्रम का समापन श्री रविकांत चड्डा द्वारा सभी उपस्थित लोगों और समर्थकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
चौधरी चरण सिंह पुरस्कार न केवल उत्कृष्टता को मान्यता देते हैं, बल्कि ग्रामीण विकास की भावना को भी प्रज्वलित करते हैं, जिससे भावी पीढ़ियों को भारत के कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा सके।

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