Sunday, December 22

सरलता का नाम ही आर्जव है: पंडित सिद्धांत जी शास्त्री

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मेरठ, 10 सितंबर (प्र) श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असौड़ा हाउस मेरठ में प्रातः 6ः30 बजे मंदिर जी मैं अभिषेक एवं शांति धारा हुई जिसमें मुख्य शांतिधारा स्वर्ण झारी से करने का सौभाग्य हेमचंद जैन एडवोकेट परिवार को प्राप्त हुआ एवं रजत झारी से शांति धारा करने का सौभाग्य संजय जैन सार्थक जैन अनिल जैन पंकज जैन परिवार को मिला कपिल जैन जी द्वारा मंगलाष्टक पढ़ा गया।

उत्तम आर्जव धर्म का महत्व बताते हुए सिद्धांत जी शास्त्री ने व्यक्त किया की सरलता का नाम ही आर्जव है। दिगबंर मुनि का और बालक का ह्रदय सरल होता है। सरल ह्रदय में सत्य और विश्वास का निवास होता है। जब पालक भी बालक की तरह सरल होता है, तब वह जग पालक होता है। उन्होंने कहा कि सरलता योग्यता प्रदान करती है। योग्यता अर्थ और परमार्थ में सफलता प्रदान करती है। सरलता सज्जनों का गुण है। मन का मैल निकलने से ह्रदय सरल और निर्मल होता है। सरल और निर्मल व्यक्ति समाज का दर्पण होता है। दर्पण के समान व्यक्ति ही समाज की कालिख को दिखा सकता है और वही समाज के बिखरे हुए मोतियों को पिरोकर माला बनाने वाला सुई धागा हो सकता है। जहां कुटिलता मायाचारी होती है, वहां रत्नत्रय एवं उत्तम क्षमादि दशलक्षण की माला टूट जाती है। मायाचारी बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और होता है। दूसरी और दिगंबर जैन मंदिर कचहरी रोड पर कंचन जैन जी ने बताया कि सरलता भगवान के द्वार में प्रवेश करने का साधन है। जैसे सांप अपने बिल में सीधा प्रवेश करता है, वैसे ही परमात्मा के द्वार में प्रवेश पाने हेतु सरल होना आवश्यक है। मायाचारी मुख में राम बगल में छुरी वाली कहावत को चरितार्थ करता है। मायाचारी बगुले के समान बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और होता है। मायाचारी विश्वासघात करता है। मनवचन काय को छल प्रपंच से बचाना सीधा सच्च और अच्छा सोचना, बोलना और करना, न्याय नीति से धन अर्जन करना, कुटिलता से बचना और ईमानदारी से कर्तव्यों का पालन करना ही आर्जव धर्म है।

मंदिर में दीप अर्चना आरती के साथ बहुत ही सुंदर नाटक प्रदर्शन सोनिया जी द्वारा कराया गया जिसमें आदिनाथ भगवान के आहार दान पर एक बहुत ही सुंदर नाटक का प्रस्तुत किया और इसी के साथ सभी को पुरस्कृत किया गया।
जिसमें बबीता जैन सारिका जैन दीप्ति जैन सोनिया जैन का सहयोग रहा। इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम में जैन मिलन वर्धमान द्वारा पहचानो तो जाने खेल कराया गया एवं वीर नवयुक्ति संघ द्वारा भाव नृत्य हुआ जी द्वारा अंत में समयबद्धता पुरस्कार में 10 ग्राम का चांदी का सिक्का लकी ड्रॉ द्वारा विजेता की घोषणा हुई इसके पश्चात जिनवाणी स्तुति आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। मंदिर परिसर में विनोद जैन मनोज जैन राजीव जैन संजय जैन रमेश जैन सुभाष शशि आभा नीरू सुनीता आदि उपस्थित रहे।

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