Tuesday, September 17

मेरठ में खंड विकास अधिकारियों का ‘टोटा’, जिले में 12 में से पांच ब्लॉकों में बीडीओ की ही तैनाती

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मेरठ, 10 सितंबर (प्र)। जिले में खंड विकास अधिकारियों का भारी टोटा है। जिसके चलते अधिकांश ब्लॉक में बीडीओ की तैनाती नहीं होने के कारण विकास कार्य एक तरह से ठप हैं। जिले के 12 ब्लॉक पर महज पांच बीडीओ ही मौजूद है। छह ब्लॉक दूसरे अधिकारियों के अधीन हैं तो वहीं पांच बीडीओ के पास तीन-तीन ब्लॉक के चार्ज है। जिससे ज्यादातर विकास खंड में विकास की गति धीमी होने की वजह से जिला विकास में पछड़ रहा है।

पिछले काफी समय से मेरठ जिले में खंड विकास अधिकारियों का भारी टोटा तक चला आ रहा है। खंड विकास अधिकारियों की नई नियुक्ति नहीं होने के कारण ब्लॉक के बारे जिले के 12 ब्लॉक के हालात बद से बदतर हैं और एक तरह से सूने पड़े खंड विकास कार्यालय लावारिस से होकर रह गए हैं। बीडीओ की कमी के चलते जिले के विकास खंड में विकास कार्यों की गति भी धीमी पड़ी हुई है तो कुछ खंड विकास विकास कार्य में काफी पर पिछड़ चुके हैं। ब्लॉक पर बीडीओ की तैनाती नहीं होने के कारण ज्यादातर ब्लॉक योजनाएं धरातल पर नहीं तैयार हो पा रही हैं। जिले के 12 ब्लॉक के मुकाबले महज पांच बीडीओ की ही जिले में तैनाती हैं। ज्यादातर विकास खंड को या तो दूसरे विभाग के अधिकारियों के अधीन किया गया है या फिर तीन-तीन ब्लॉक का चार्ज खंड विकास अधिकारियों को दिया गया है। इसके उलट खंड विकास अधिकारियों का दूसरे विभाग के अधिकारियों को जिम्मा है, लेकिन उन्हें विभाग की जानकारी के अभाव के कारण ठीक ढंग से योजनाओं को लागू करने और योजना बनाने तक में खासी परेशानी आती है। जिस कारण ज्यादातर ब्लॉक विकास में पिछड़ कर रह गए हैं।

अधिकारियों की कमी स्टाफ के साथ तालमेल और समय अभाव के कारण शासन की योजनाएं धरातल पर ठीक ढंग से लागू नहीं हो पा रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण खंड विकास अधिकारियों की कमी को माना जा रहा है। यदि जिले की बात करें तो जिले के 12 ब्लॉक में से 5 ब्लॉक दूसरे अधिकारियों के हवाले किए गए हैं। जिला विकास अधिकारी अमरीश कुमार पर तीन-तीन ब्लॉक रजपुरा, मवाना और हस्तिनापुर का चार्ज है। खरखौदा विकासखंड का चार्ज आईएस सुश्री नारायणी भाटिया को दिया गया है। जबकि रोहटा का चार्ट जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार सिंह के पास है। इसी तरह जानीखुर्द का चार्ज पंकज कुमार के पास है, जो खुद डीईएसटीओ हैं। सरूरपुर का चार्ज राजीव कुमार को सौंपा गया है, जो एमआई के अधिशासी अभियंता हैं। इस तरह से छह ब्लॉक पर दूसरे विभाग के अधिकारियों को विकासखंड का जिम्मा सौंपा गया है। ज्यादातर अधिकारियों को विकास विभाग का ज्ञान नहीं होने से खासी परेशानी होती है। इसके अलावा जिले में बाकी बचे छह ब्लॉक पर खंड विकास अधिकारी मेरठ में बृजेश कुमार की तैनाती है। जबकि विकास खंड माछरा, परीक्षितगढ़ का जिम्मा अजय कुमार खंड विकास अधिकारी के पास है। इसी तरह से खंड विकास अधिकारी मवाना और हस्तिनापुर का जिम्मा खंड विकास अधिकारी अम्बरीश कुमार को सौंपा गया है। जबकि दौराला और सरधना के खंड विकास अधिकारी पद पर ब्रह्मपाल सिंह तैनात हैं। पांच खंड विकास अधिकारियों के पास डबल ब्लॉक का चार्ज है। पूरे सप्ताह में खंड विकास कार्यालय पर नहीं बैठ पाते हैं। शिफ्ट के हिसाब से खंड विकास अधिकारी विकास कार्यों को लागू करने के लिए सप्ताह में तीन दिन खंड विकास कार्यालय पर बैठ रहे हैं। इनमें से भी ज्यादातर जिले पर मीटिंग होने के कारण अक्सर सप्ताह में एक-दो बार भी ब्लॉक पर जाना भी संभव नहीं हो पता है। जिस कारण स्टाफ के साथ मीटिंग योजनाओं का क्रियान्वयन और उन्हें धरातल पर लागू करने आदि के लिए समय अभाव के कारण सही ढंग से शासन की योजनाएं लागू नहीं हो पा रही हैं। जिस कारण ज्यादातर विकासखंड या तो विकास में पिछड़े हुए हैं या फिर कछुआ गति से विकास कार्य चल रहे हैं। खंड विकास अधिकारियों के भारी टोटा से जिला इस समय विकास कार्यों में फिसड्डी साबित हो रहा है।

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