दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ 13 मई (प्र)।शहर के प्रतिष्ठित एलेक्जेंडर एथलेटिक्स क्लब के सभावित चुनावों की घोषणा तो विधिवत रूप से अभी नहीं हुई है। लेकिन चुनाव मैदान में उतरने वालों की सरगर्मियां शुरू हो गई है। वर्तमान में जो पदाधिकारी है उनमें से कौन कौन और किस पद पर चुनाव लड़ेगा यह तो अभी नहीं कहा जा सकता मगर क्लब के पुराने सदस्यों जो क्लब की राजनीति में पुरी दिलचस्पी रखते है उनमें से कुछ के द्वारा भविष्य की रणनीति तैयार की जाने लगी है।
इस संदर्भ में बीते दिनों क्लब के नेपोलियन हॉल में रात्रि 8 बजे से शुरू होकर लगभग दो घंटे चली विचार विमर्श गोष्ठी के बारे में जो पता चल रहा है उससे साफ हुआ है कि द अध्ययन स्कूल के चेयरमैन भारत सरकार की राजभाषा समिति और फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य रहे संजय कुमार एवं धार्मिक क्षेत्रों में सक्रिय बिल्डर जय प्रकाश अग्रवाल जेपी के नेतृत्व में एक टीम चुनाव मैदान में उतर सकती है। खबर लिखे जाने तक यह तो स्पष्ट नहीं हुआ कि उपाध्यक्ष सचिव और कोषाध्यक्ष के पदों एवं कार्यकारिणी सदस्यों के लिए कौन कौन मैदान में आयेगा। लेकिन बताते है कि बागपत रोड़ और उसके आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय रियल एस्टेट से जुड़े कुछ लोग तथा व्यापारी और उद्योगपति इनके साथ जुड़कर चुनाव लड़ सकते है।
खबरों के अनुसार बीते दिनों हुई बैठक में पूर्व रोटरी गर्वनर संजीव रस्तोगी चित्रा प्रकाशन के अजय रस्तोगी राहुल दास दास हुडई और अभी पूर्व में आबू लेन व्यापार संघ के चुनाव में प्रभारी रहे के अलावा अनिल महाजन धर्म महाजन के मौजूद होने की चर्चा है। दूसरी ओर व्यापारी नेता शहर की कई सामाजिक धार्मिक संस्थाओं से जुड़े एलेक्जेंडर क्लब की कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य रहे अनिल अग्रवाल भी एक ग्रुप के साथ चुनाव मैदान में उतर सकते है। इस हिसाब से फिलहाल तीन ग्रुप के चुनाव लड़ने की संभावनाऐं दिखाई दे रही है। मगर क्लब की राजनीति के जानकारों और सक्रिय सदस्यों का कहना है कि ग्रुप कितने ही नजर आ रहे हो लेकिन चुनाव जब भी होगा अगर आपसी समझौते के बाद सर्वसम्मति से पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य नहीं चुने जाते है तो ग्रुप दो ही उतरेंगे और आमने सामने की टक्कर होगी। खबर लिखे जाने तक वर्तमान उपाध्यक्ष विपिन अग्रवाल सचिव अमित संगल संयुक्त सचिव गौरव अग्रवाल और कोषाध्यक्ष गौरव रस्तोगी अथवा दूसरे ग्रुप के संजय कुमार बिल्डर जय प्रकाश जेपी आदि में से किसी में से भी दूरभाष पर वार्ता नहीं हो पाई इसलिए अधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।