Wednesday, October 15

युवाओं के हितों और समय से नौकरी मिलने के रास्ते को प्रभावित कर सकती है 40 साल की उम्र में भर्ती की योजना

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उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तृतीय श्रेणी के कई पदों की आयुसीमा २८ और ३२ से बढ़ाकर भर्ती के लिए ४० साल कर दी गई है। संबंधित खबर के अनुसार शासन ने तृतीय श्रेणी के कई पदों पर होने वाली भर्ती में अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 40 साल कर दी है। अभी तक इन पदों की आयु सीमा 28 या 32 साल थी। इस बदलाव का फायदा उन बेरोजगार प्रतियोगियों को होगा जो भर्ती के इंतजार में ओवरएज हो चुके हैं। यह बात तो सही है लेकिन नौकरी की आस में लगे जो युवा सामने आ रहे हैं उनका क्या होगा। उनमें इसे लेकर कुंठा पैदा ना हो इस पर भी सरकार विचार करे। भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद इनकी ओर से आयु सीमा में इजाफा करने की मांग की जाती थी।
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने छह सितंबर को प्रयोगशाला तकनीकी संवर्ग में भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 32 साल से बढ़ाकर 40 साल कर दी है। इसी विभाग में लेखपाल एवं सर्वेयर की भर्ती के लिए भी आयु सीमा 32 साल से बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई है। पहले इन पदों पर विज्ञापन निकालकर सीधे भर्ती की जाती थी, अब उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को चयन की जिम्मेदारी दी गई है और लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती होगी। इससे पहले समाज कल्याण विभाग ने ग्राम विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी की सीधी भर्ती के लिए अधिकतम आयुसीमा बढ़ाकर 40 साल कर दी थी। हाल ही में आवास एवं विकास परिषद में आशुलिपिक भर्ती की अधिकतम आयु सीमा भी 28 साल से बढ़ाकर 40 वर्ष और स्वागत अधिकारी की आयु सीमा 32 साल से बढ़ाकर 40 साल की गई है।
शासन और सरकार ने यह जो निर्णय लिया है हो सकता है कि सही हो मगर जहां तक मुझे नजर आता है उम्र बढ़ाने से नौकरी के लिए भटक रहे पढ़े लिखे नई उम्र के युवाओं के समक्ष और कठिनाई उत्पन्न हो सकती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए एक बार पात्र नौजवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार को एक बार पुनरू इन विभागों में यह आयुसीमा बढ़ाई है उनकी समीक्षा पर विचार करना चाहिए और कोशिश हो कि नौजवानों के हित प्रभावित और उनको नौकरी मिलने का रास्ता अवरूद्ध ना हो पाए।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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