
मेरठ 28 अक्टूबर (प्र)। शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट 661/6 की इमारत ध्वस्त होने के बाद जहां व्यापारी विरोध में खड़े हैं, 31 अन्य निर्माणों पर प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर क्षेत्रवासी सहमे हैं। सेंट्रल मार्केट काम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के बाद व्यापरियों का विरोध मुखर होता जा रहा है। मंगलवार को भी दूसरे दिन पूरा सेंट्रल मार्केट शास्त्री नगर सेक्टर एक और दो के बाजार बंद रहे। व्यापारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चिह्नित किए गए व्यावसायिक निर्माणों पर होने वाली ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध कर रहे है। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि व्यावसायिक निर्माणों को वैध नहीं किया जाता तब तक आंदोलन और अनिश्चितकालीन बंदी जारी रहेगी। सेंट्रल मार्केट में निकले शांति मार्च में एआईएमआईएम ने भी अपना समर्थन दिया। इस दौरान एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ हाय हाय के नारे लगवाए। इस दौरान महिलाओं ने भी जमीन पर बैठकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई। स्थानीय व्यापारी नेताओं ने मौके पर किसी जनप्रतिनिधि के न आने पर भी रोष जताया। वक्ताओं ने कहा जो हमारा नहीं, हम भी उसके नहीं होंगे। उनका इशारा भाजपा नेताओं की ओर था। व्यापारी नेता जितेंद्र अग्रवाल ने कहा मुख्य सड़क ही हर रोड पर स्थित दुकान को वैध किया जाए और सरकार इस संबंध में स्पष्ट घोषणा करे।
बता दें कि शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई ने आसपास क्षेत्र के लोगों को भी सकते में डाल दिया है। शास्त्री नगर 661/6 की इमारत ध्वस्त होने के बाद 31 अन्य निर्माणों पर प्रस्तावित कार्रवाई को लेकर क्षेत्रवासी सहमे हैं। कई लोगों ने बताया कि ध्वस्तीकरण की इतनी बड़ी कार्रवाई उन्होंने पहली बार देखी है। कार्रवाई देखने जागृति विहार और शास्त्रीनगर से ही नहीं मोदीपुरम और कंकरखेड़ा से भी लोग पहुंचे। दो दिन तक 22 दुकानों का ढहाने के दृश्य ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया।
व्यापार बचाओ आंदोलन के तहत व्यापारी नेता जीतेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जब तक सरकार से ध्वस्तीकरण से राहत दिए जाने और भू उपयोग व्यावसायिक करने की घोषणा नहीं करती तब तक अनिश्चित कालीन बंद जारी रहेगा। कहा कि बात 31 परिसरों की 90 दुकानों की नहीं, सभी 1472 निर्माण जो ध्वस्तीकरण के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं पर कार्रवाई को रोका जाए।
संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को आना चाहिए था कम से कम हमारा दुख समझ कर वह हमें ढांढस तो बंधा सकते हैं। कहा, कांप्लेक्स को ढहा दिया गया है लेकिन अभी तक जिन 45 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया उनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कहा अगर जरूरत पड़ेगी मेरठ बंद का भी आवाह्न किया जाएगा।
