मेरठ 25 जून (प्र)। मेडा और भूमाफियाओं की मिलीभगत से कायदे कानून ताक पर रखकर खडे किए जा रहे अवैध कॉम्प्लेक्सों और सड़क पर उनकी पार्किंग की वजह से पुलिस और पब्लिक दोनों को मुसीबत उठानी पड़ रही है। आए दिन लगने वाले जाम से परेशान होकर अब टैफिक पुलिस मेडा को नोटिस देने जा रही है। इसकी पुष्टि एसपी ट्रैफिक ने की है।
दरअसल, शहर में ऐसे एक दो नहीं बल्कि दर्जनों या कहें सैकड़ों अवैध कॉम्प्लेक्स हैं, जिन्हें बिल्डर बने भूमाफियाओं ने गलियों में घरों को तोड़कर बना डाला।
ऐसे अवैध कॉम्प्लेक्सों के बाहर कभी भी वहां आने जाने वालों के वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग का इंतजाम नहीं किया गया। नतीजा यह होता है कि लोग सड़क पर अपनी गाड़ियां पार्क करते हैं। शहर का शायद कोई ही इलाका ऐसा होगा जहां अवैध कॉम्प्लेक्स और वहां आने जाने वालों के वाहनों की सड़क पर पार्किंग न हो तथा सड़क पर अवैध पार्किंग की वजह से लोग मुसीबत ना उठा रहे हों। यह मुसीबत सबसे ज्यादा पुराने शहर या फिर भीड़ वाले इलाकों में है। अवैध कॉम्प्लेक्सों की यदि बात की जाएं तो शहर के शीश महल, शहर सराफा, वैली बाजार, खैरनगर सरीखे ऐसे इलाके हैं जहां कई बार पैदल निकला भी दुश्वर होता है।
इन इलाकों में गली व तंग सड़कों पर यदि पुराने घरों को तोड़कर मेडा के कुछ भ्रष्ट अफसरों की कृपा के चलते यदि अवैध कॉम्प्लेक्स बन गए हैं। इन कॉम्प्लेक्सों में आने वाले लोगों के वाहन सड़क पर ही पार्क किए जाते हैं। पहले से तंग गली व सड़क पर यदि लोगों के वाहन भी पार्क किए जाने लगेंगे तो वहां से दो पहिया वाहन तो दूर की बात पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाएगा। शहर सराफा बाजार और नील व खैरनगर जैसे बेहद तंग इलाकों की गलियों में ऐसे तमाम अवैध कॉम्प्लेक्स हैं जिनमें 50 से 100 से दुकानें है।
यहां आने वाले लोगों बाइक व स्कूटर गली में खडे होते हैं। अवैध कॉम्प्लेक्सों की वजह से ऐसे हालात पूरे शहर में बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि जब अवैध कॉम्प्लेक्स सेटिंग से बनवाए गए हों तो फिर मेडा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा, ऐसी उम्मीद रखना बेकार है। हालांकि अब टैफिक पुलिस ने ऐसे अवैध कॉम्प्लेक्स व उसके लिए जिम्मेदार मेडा से निपटने की ठानी है।