मेरठ 30 अगस्त (प्र)। सदर बिल्वेश्वर नाथ महादेव मंदिर प्रांगण स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में शुक्रवार को बलदेव छठ पर जमकर हंगामा हुआ। मंदिर समिति व ट्रस्ट की तरफ से पदाधिकारियों के साथ बलदेव छठ का छप्पन भोग प्रसाद अर्पित करने पहुंचे कैंट विधायक अमित अग्रवाल व एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज समेत कई अन्य को पुजारी पक्ष ने मंदिर के दरवाजे पर रोक दिया। दोनों पक्षों में नोकझोंक बाद में जनप्रतिनिधियों को अंदर ले जाकर भोग लगवाया गया। भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर सेवा ट्रस्ट व भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष ने पांच के खिलाफ तहरीर दी है।
आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार हुआ और भोग अर्पित करने से रोका गया। घटना का वीडियो प्रसारित हो गया है। हालांकि बाद में जनप्रतिनिधि श्रद्धालुओं को मंदिर में ले जाने में सफल हुए। पहले से सूचना के बावजूद प्रशासन व्यवस्था बनाने में सफल नहीं रहा। मंदिर प्रांगण में बनता था प्रसाद जगन्नाथ मंदिर में बलदेव छठ पर भगवान को अर्पण किए जाने वाला प्रसाद मंदिर प्रांगण में ही बनता था। इस बार माहौल गर्म देखते हुए दो दिन पहले ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने विवाद बढ़ने से रोकते हुए मंदिर प्रांगण में प्रसाद न बनाने के निर्देश दिए थे। इस निर्णय को समिति व ट्रस्ट ने तो स्वीकार लिया, लेकिन पुजारी पक्ष ने आपत्ति जताई कि यह प्रसाद मंदिर प्रांगण में ही बनेगा। उन्होंने घोषणा कर दी थी कि बाहर से आने वाला प्रसाद भगवान को अर्पित नहीं करने दिया जाएगा। वहीं, दूसरे पक्ष यानी समिति व ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से पुलिस प्रशासन के निर्णय को स्वीकारते हुए सदर भैसाली मैदान के सामने रामलीला भवन में प्रसाद तैयार कराया। जनप्रतिनिधि व समिति और ट्रस्ट के पदाधिकारी इसी प्रसाद को जगन्नाथ मंदिर में अर्पित करने पहुंचे संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता, पूर्व सभासद अनिल जैन भी साथ रहे।
ये है विवाद
जगन्नाथ मंदिर में स्वामित्व को लेकर दो पक्षों के बीच जगन्नाथ रथयात्रा से ही विवाद है। एक पक्ष मंदिर के पुजारियों पं. विष्णुदत्त शर्मा, गणेश दत्त शर्मा, एडवोकेट राशि शर्मा हैं, जबकि दूसरे पक्ष में भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर सेवा ट्रस्ट व भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर समिति के पदाधिकारी हैं। इनमें पवन गर्ग, राजेंद्र वर्मा, गणेश अग्रवाल, विजय गोयल समेत अधिकतर कैंट रामलीला के पदाधिकारी हैं। 27 जून को जगन्नाथ रथयात्रा आयोजन को लेकर भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था।
पुजारी पक्ष के विरुद्ध थाने पर दी तहरीर
भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर सेवा ट्रस्ट व भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर समिति की ओर से सदर थाने पर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए राशि शर्मा, पूनम शर्मा, गोपाल शर्मा, विष्णु दत्त शर्मा व गणेश दत्त शर्मा के विरुद्ध तहरीर दी गई। मंदिर व उसकी संपत्ति पर कब्जाने का आरोप भी लगाया।
एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज का कहना है कि मैंने सभी को समझाकर शांत किया और श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश भी कराया। मंदिर पर सभी श्रद्धालुओं का अधिकार होता है। मैंने इस अव्यवस्था के लिए पुलिस और प्रशासन को लताड़ लगाई और उन्हें यह विवाद समाप्त कराने के निर्देश दिए।
कैंट विधायक अमित अग्रवाल का कहना है कि जगन्नाथ मंदिर में बलदेव छठ का 56 भोग प्रसाद अर्पित करने गए थे। वहां पंडितजी की पत्नी ने हमें रोका। बाद में उनकी बेटी ने अंदर प्रवेश कराया। फिर हमने प्रसाद अर्पित किया और लोगों को समझाया भी। इस प्रकार से पौराणिक मंदिर में प्रवेश करने से कोई कैसे रोक सकता है। मेरे साथ धक्कामुक्की जैसा कुछ नहीं हुआ।
कुछ असामाजिक तत्व भीड़ के रूप में मंदिर में घुसने का प्रयास कर रहे थे। महिलाओं का भजन-कीर्तन चल रहा था। पुलिस रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। कैंट विधायक अमित अग्रवाल व एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज को सम्मान मंदिर में प्रवेश करा भोग लगवाया गया। हमारी तरफ से किसी को भगवान को भोग लगाने से नहीं रोका गया। राजनैतिक दबाव में कुछ लोगों ने भजन कीर्तन कर रही महिलाओं को धक्का दिया।
एडवोकेट राशि शर्मा व पंडित गणेश दत्त शर्मा, श्री भगवान जगन्नाथ स्वामी जी मंदिर समिति ट्रस्ट
