अयोध्या 03 जनवरी। पांच सदी के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के केंद्र विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष होंगे। आगामी 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के यजमान विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र नारायण सिंह होंगे। वह 14 जनवरी के बाद यहां आएंगे। वह पूजन में सपत्नीक सम्मिलित होंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने इसकी पुष्टि की है।
डॉ. रवींद्र नारायण सिंह बिहार के सहरसा जिले के गोलमा इलाके के रहने वाले हैं और पेशे से ऑर्थो सर्जन हैं। लंबे समय से वे पटना में प्रैक्टिस कर रहे हैं। पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित डॉ. रवींद्र नारायण सिंह ने लंदन से एफआरसीएस की डिग्री हासिल की है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है कि यजमान के रूप में समाज के हर वर्ग से प्रतिनिधित्व हो, इसलिए विहिप अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह का नाम सामने आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर से करीब 7000 लोग शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के लिए 4 जनवरी से यज्ञ कुंड बनाने का काम शुरू हो जाएगा। वहीं अन्य अनुष्ठान के लिए कुल 9 कुंड बनाए जाएंगे। मंडप भी तैयार किए जा रहे हैं। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजन 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा और सबसे पहले मां सरयू का पूजन किया जाएगा।
कुंड निर्माण के विशेषज्ञ पंडित दत्तात्रेय नारायण रटाटे के निर्देशन में कुंड बनाए जाएंगे। वह सांगवेद महाविद्यालय वाराणसी के आचार्य हैं। उनके साथ ही गजानन जोधकर, अरुण दीक्षित, सुनील दीक्षित व अनुपम दीक्षित यहां रहेंगे। सभी कुंड दो गुणे दो फीट के होंगे। इस दौरान आचार्यगण अनुष्ठान के लिए सामग्री आदि का प्रबंध देखेंगे। अनुष्ठान में प्रयुक्त होने वाली सामग्री भी अलग-अलग प्रांतों से आई है। उदाहरण के तौर पर तीर्थों का जल, महाराष्ट्र से समिधा लाई गई है। इसके लिए ट्रस्ट ने अलग से स्टोर भी बनाया है।