मेरठ 24 अक्टूबर (प्र)। व्यापारी सत्यम रस्तोगी से सड़क पर नाक रगड़वाने के बाद आरोपित विकुल चपराणा ने पीड़ित को ही मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर पैसे मांगे थे। इसी के चलते सत्यम डर गया और दो दिन तक मुकदमा दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। फिर भाई ने हिम्मत बंधाते हुए मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने बलवा, मारपीट और तोड़फोड़ के बाद मामले में रंगदारी की धारा बढ़ाकर गुरुवार को तीन आरोपितों को जेल भेज दिया, जबकि मुख्य आरोपित विकुल को पकड़ने के लिए दबिश डाली जा रही है। वहीं, व्यापारी का परिवार दहशत में है, तीन दिनों से पीड़ित ने दुकान भी नहीं खोली और न ही घर से बाहर निकला है।
पीड़ित के घर पर दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। उधर, शाम को पीड़ित की मां व भाई ने भाजपा जनप्रतिनिधियों व संगठन के लोगों के साथ एसएसपी से मिलकर न्याय की मांग की।
वहीं घटना के 4 दिन के बाद मेरठ में राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर का नाम लेकर व्यापारी सत्यम रस्तोगी को अपमानित करने के आरोपी विकुल चपराणा का वीडियो सामने आया है। इसे विकुल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया। 3 मिनट के वीडियो में उन्होंने कहा-जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह अधूरा सच है। घटना की सही और असल हकीकत कुछ और है, जिसे फिलहाल केवल पुलिस ही जानती है।
विकुल ने कहा-वह आक्रोश में अपने द्वारा बोले गए शब्दों के लिए माफी मांगते हैं, लेकिन सच कुछ और है, जो अब तक सामने नहीं आया है।
‘हां, मैं मानता हूं कि आक्रोश में आकर उस समय मुझसे कुछ अपशब्द निकल गए। इसके लिए मैं पूरे समाज से खासकर पीड़ित से दिल से माफी मांगता हूं। मेरा किसी का अपमान करने या किसी से नाक रगड़वाने जैसी कोई मंशा नहीं थी। अफसोस की बात यह है कि इस वीडियो को जानबूझकर आधा काटकर, तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।’ ये कहना है भाजपा नेता विकुल चपराणा का। जिन्होंने कपड़ा व्यापारी से नाक रगड़वाकर माफी मंगवाई थी।
विकुल चपराणा ने कहा- आप सभी ने मेरा यह वीडियो जरूर देखा होगा, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें ऐसा दिखाया जा रहा है कि मैं किसी व्यक्ति से जबरदस्ती नाक रगड़कर माफी मांगने को कह रहा हूं, लेकिन यह सच नहीं है। वहां पर सत्यम रस्तोगी का झगड़ा किसी और व्यक्ति से हुआ था। सत्यम रस्तोगी ने बीच में माननीय मंत्री जी को भला-बुरा कहा। तब मैंने कहा कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं।
इसके बाद उन्होंने मेरे परिवार के बारे में भी बुरा-भला कहा। इसलिए मैंने उनसे कहा कि आप इन सबकी सार्वजनिक रूप से माफी मांगिए। आपने पब्लिक के सामने ये सब बातें बोली हैं तो आप ही माफी मांगिए। बाकी आपका और मेरा कोई विवाद नहीं है।
विकुल चपराणा ने कहा- मैं सत्यम रस्तोगी जी से माफी मांगता हूं। बाकी मुख्य लोग मौके से फरार हो गए हैं। न अभी तक पुलिस ने, न प्रशासन ने, न मीडिया ने यह जानना चाहा कि वे लोग कौन थे। सभी चीजें जो सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही हैं, वह पूरी तरह सच नहीं हैं। मैंने किसी से नाक रगड़कर माफी मांगने के लिए नहीं कहा था। मेरी सिर्फ इतनी गलती थी कि आक्रोश में आकर मैंने सत्यम रस्तोगी जी को अपशब्द कहे थे। मैं इसके लिए सभी लोगों से क्षमा चाहता हूं, पर मैं इसमें पूरी तरह गलत नहीं हूं।
विकुल चपराणा ने कहा- एक चीज यह भी है जिसकी जानकारी किसी को नहीं है, केवल पुलिस और प्रशासन को। जिस दिन यह घटना हुई, पुलिस और प्रशासन ने सत्यम रस्तोगी जी को मेडिकल थाने ले लिया था। जैसे ही मुझे सूचना मिली कि सत्यम रस्तोगी जी पर मुकदमा लिखा जा रहा है, मैं तुरंत मेडिकल थाने पहुंचा। मैं नहीं चाहता था कि दीपावली के शुभ अवसर पर किसी का दिन खराब हो या किसी का त्योहार खराब हो।
मैंने वहां मेडिकल थाना प्रभारी शैलेष यादव जी से कहा कि मेरे और इनके बीच कोई विवाद नहीं है, आप इन्हें छोड़ दीजिए और जाने दीजिए। मेरी भावनाएं यही थीं कि मैंने वहां उनके लिए स्टैंड लिया।
विकुल चपराणा ने कहा-इस सब में माननीय मंत्री जी को लेकर राजनीतिक पार्टियां इन्वाल्व कर रही हैं। इस पूरे विषय से माननीय राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर का कोई लेना-देना नहीं है। सच तो यह है कि न मैंने उन्हें छुआ, न धक्का दिया, न किसी तरह की जबरदस्ती की। उस घटनाक्रम में मेरे किसी भी साथी ने सत्यम रस्तोगी जी की गाड़ी को छुआ या फोड़ा हो तो पूरा वैश्य समाज जो कहे, मैं उसे करने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने आगे कहा- जिस हिस्से में युवक शराब के नशे में गालियां दे रहा था, वह पूरी तरह से हटा दिया गया है। केवल वही हिस्सा दिखाया जा रहा है, जहां मैं गुस्से में आकर उस व्यक्ति से बात कर रहा हूं। इस अधूरे क्लिप के जरिए अब मुझे राजनीतिक बकरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। हर पार्टी अपने फायदे के लिए इस घटना को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है और मुझे गलत ठहराकर अपना राजनीतिक हित साधना चाह रही है।
विकुल चपराणा ने कहा- मैं पूरे समाज से माफी मांगता हूं। मैं बस यही कहना चाहता हूं कि कृपया बिना सच्चाई जाने और बिना पूरी जांच किए किसी को दोषी न ठहराइए। मैं निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं। जिससे पूरी सच्चाई सामने आए और न्याय भावनाओं से नहीं, तथ्यों के आधार पर हो। मुझे इस पूरे घटनाक्रम का गहरा खेद है।
