मेरठ 29 मई (प्र)। श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर असोड़ा हाउस मेरठ में परम पूज्य अधीक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ 23 पीछि के साथ मंदिर की में विराजमान रहे। प्रातः आचार्य श्री के परम सानिध्य में अभिषेक एवं शांतिधारा हुई जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने बड़े ही भक्ति भाव से नवन किया एवं शांतिनाथ भगवान की पूजा आराधना करी इसके पश्चात आचार्य श्री के प्रवचन के पूर्व चित्र अनावरण करने का सौभाग्य कपिल जैन जी को प्राप्त हुआ एवं दीप प्रज्वल करने का सौभाग्य रमेश चंद्र जैन संजय जैन परिवार का रहा इसके उपरांत अजमेर से आए श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री श्री का पादप्रक्षालन कर गुरुजी से आशीर्वाद प्राप्त किया
जिसके पश्चात आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि पुण्य कर्मों से इंसान की आत्मा को शांति मिलती है। अगर इंसान अपने घर परिवार में शांति चाहता है, तो वह तभी हो सकती है जब इंसान की आत्मा और मन शांत हों। मुनि ने कहा कि धन दौलत से सांसारिक वस्तुएं तो खरीदी जा सकती हैं। लेकिन, मन और आत्मा की शांति प्राप्त नहीं की जा सकती। मन और आत्मा की शांति के लिए इंसान को एक अच्छे मार्ग दर्शन की जरूरत पड़ती है। जोकि गुरुओं के संग सत्संग करने और बुजुर्गों के बताए मार्ग दर्शन से प्राप्त की जा सकती है। आचार्य श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म रूपी मिठास एक बार व्यक्ति चख ले तो फिर उसकी मिठास जीवन भर नहीं जाती। भक्ति वही है, जिसमे भक्ति भरी हो, हमें अपने मन में गांठ नहीं रखनी चाहिए, अगर मन की गांठ नहीं खोली तो उसका भला नहीं हो सकता। रचित जाने बताया आहारचार्य मैं विशेष सहयोग मेघना जैन मयंक जैन परिवार रमेश चंद जैन मनोज जैन परिवार संजय जैन परिवार दीपक जैन परिवार उमेश जैन परिवार का रहा एवं सभी श्रद्धालुओं ने आहारचार्य में भाग लेकर 23 पिछियों का आहार संपन्न कराया
इसी श्रृंखला में मंदिर परिसर में संरक्षक रमेश जैन सुशील जैन जेके जैन एवं अध्यक्ष विनोद जैन मनोज जैन कपिल जैन रमेश जैन कमल जैन नवीन जैन संजय जैन राकेश जैन अंकुर जैन राजीव जैन प्रिंस जैन हेमचंद जैन शुभम जैन प्रतीक जैन सार्थक जैन आभा जैन सोनिया जैन श्वेता जैन सारिका जैन अलका जैन आयुषी जैन आदि लोगों उपस्थित रहे।