Friday, November 22

लोकदल नेता पश्चिम की बजाय पूर्व में प्रयास करें तो ? रोड शो से कुछ होने वाला नहीं है

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पूरे विश्व में अपनी मेहनत और ईमानदारी से हर व्यक्ति का पेट भरने वाला किसान आखिर इतना कमजोर कैसे हो रहा है जो चाहे वह राजनीतिक दल हो या संगठन जिसे देखो वो ही किसानों की समस्यााओं के समाधान के नाम पर नागरिकों के अनुसार अपनी दुकान चलाने और राजनीतिक रोटियां सेंकने में लग जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह भाकियू के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने अपने समय में अन्नदाता और मजदूर की समस्याओं के समाधान और उन्हें कठिनाई से छुटकारा दिलाने के लिए वाकई सच्चे प्रयास किए। वर्तमान में किसानों के संगठन भाकियू समेत सभी मिलकर अनाज उत्पादक की परेशानियों का हल ढूंढने के लिए गांव देहात से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं जिसका परिणाम यह है कि इनकी बात सुनी भी जा रही है और इन पर होने वाली ज्यादतियां भी कम हो रही है। दूसरी तरफ केंद्र सहित जिस प्रदेश में जिस दल की सरकार है उसके द्वारा सबसे ज्यादा सुविधाएं और काम किसानों के लिए किया जा रहा है। फिर भी जिसको राजनीति में दिलचस्पी हुई उसके पास जनाधार है या नहीं वो किसान के हितों की लड़ाई की बात करने लगता है। सवाल यह उठता है कि जब यह सब मिलकर अन्नदाता को समस्याओं से मुक्त नहंीं करा पा रहे तो जिनके पास लोकसभा व विधानसभा में कुछ है ही नहीं जनमानस में भी मजबूत पकड़ नहीं है वह कहां से इनकी परेशानियों का हल कराएंगे। जब इस बारे में नागरिकों में चर्चा के अनुसार धरती का सीना चीरकर कठिन मेहनत कर अन्न उगाने वाला किसान मजदूर अपनी समस्या का समाधान खुद ही खोजने में सक्षम है चाहे वह भाकियू के माध्यम से खोजे या अन्य संगठनों के लेकिन कोई और उसकी समस्या का समाधान कर पाएगा ऐसा लगता नहीं है और नागरिकों की इस सोच से मैं भी सहमत हूं।
गत दिवस लोकदल के नाम पर एक प्रदर्शन रोड शो हुआ। नाम दिया गया नवनिर्वाचित महामंत्री विजेंद्र सिंह का रोड शो। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। इसलिए इसमें कोई बुराई भी नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकदल 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और सबसे बड़ा मुददा किसानों का होगा जिनकी 77 प्रतिशत सीटों पर मौजूदगी है। नवनियुक्त महासचिव का जगह जगह स्वागत हुआ। उन्होंने पत्रकार सम्मेलन में प्रधानमंत्री के पद को लेकर कहा कि विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं है। जो पार्टी राष्ट्रहित में काम करेगी उनके साथ खड़े होंगे। एक समाचार पत्र ने लिखा विजेंद्र सिंह के रोड शो में उमड़ा जनसैलाब। इस बारे में पाठकों का यह कहना है कि वो जनसैलाब कहां था कुछ कुछ सही लगता है क्योंकि धन्यवाद प्रस्ताव का जो विज्ञापन छपा उसमें एक से चेहरे ज्यादातर ही चित्रों में नजर आ रहे हैं और भीड़ जाम की नजर आ रही है। कहीं भी नहीं लगा कि बहुत बड़ा जनसैलाब रोड शो के समर्थन में उतरा हो। जब कोई व्यक्ति या संगठन सड़क पर उतरता है तो कुछ समर्थक एकत्र हो ही जाते है। लोकदल का नाम तो पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के नाम से जुड़ा है तो थोड़ी भीड़ इकटठा होना बड़ी बात नहीं है। उनके चाहने वाले हर जगह मौजूद है लेकिन 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन यह नहीं बताया गया कि वो जीतेंगे कितनी सीटों पर और पूर्व में चुनावों में लोकदल ने अपने कितने उम्मीदवार खड़े किए थे तो उन्हें कितने प्रतिशत वोट मिले थे। मुझे लगता है कि पूर्व पीएम चरण सिंह के नाम पर पश्चिमी उप्र में लोकदल की दाल गलने वाली नहीं है क्योंकि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने समझदारी का परिचय देते हुए सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ने का जो निर्णय लिया था उसने समर्थकों में मजबूत पैठ बनानी शुरू कर दी है। यूपी विधानसभा में भी उनके विधायक मौजूद हैं और वो खुद राज्यसभा सदस्य हैं। भविष्य भी रालोद का अच्छा नजर आ रहा है अगर लोकदल नेता पूर्वी उप्र में प्रयास करें तो इसके अध्यक्ष सुनील सिंह को कुछ सफलता मिल सकती है। वरना विज्ञापन छपवाकर जो खबरें लगती है उनका असर तो बच्चा जानता है। मतदाता तो काफी समझदार हो गए हैं।

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