Wednesday, October 15

26 साल बाद खोया हुआ भाई परिवार से मिला तो छलके आंसू

Pinterest LinkedIn Tumblr +

बुलंदशहर 15 अगस्त। सातवीं कक्षा में फेल होने के बाद परिवार की डांट के डर से राकेश घर छोड़कर चला गया था। गुजरात में मजदूरी करने लगा। वहां केमिकल से शरीर झुलसने पर 2025 में होली पर उत्तराखंड पहुंच गया। अपना घर संस्था ने उसे आश्रय दिया और उपचार कराने के बाद मुमरेजपुर के ग्राम प्रधान को सूचित किया। इसके बाद स्वजन वहां पहुंच गए और पर्याप्त दस्तावेज दिखाकर राकेश को घर ले आए। अपनों के बीच पहुंचने पर राकेश की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े।

गांव मुमरेजपुर निवासी यतेंद्र सिंह ने बताया कि उनके परिवार का भतीजा राकेश 1999 में 14 वर्ष का था और सातवीं में पढ़ता था। परिवार में उनके पिता अतर सिंह के अलावा माता उर्मिला देवी व तीन भाई हैं। बड़े भाई मुनेश व रजनीश आर्मी में थे और रिटायर होने के बाद परिवार के साथ पलवल में रहते हैं। सातवीं में फेल होने के बाद माता-पिता के डांटने के डर से राकेश घर छोड़कर चला गया। वह गुजरात पहुंचा और एक कंपनी में नौकरी कर ली।

2024 में केमिकल गिरने से उसका शरीर 50 प्रतिशत झुलस गया। उपचार के लिए पैसे नहीं होने के चलते चिकित्सक ने हरिद्वार जाकर इलाज कराने की सलाह दी। वह हरिद्वार पहुंच गया। वहां अपना घर संस्था की टीम लाचार लोगों की खोजबीन कर रही थी। उन्हें राकेश दिखा।

उसके शरीर पर गहरे घाव थे। टीम राकेश को अपना घर भरतपुर ले आई। यहां उपचार करते हुए काउंसिलिंग की गई। पूरी तरह से ठीक होने के बाद टीम ने ग्राम प्रधान हुकुमचंद से संपर्क किया और राकेश के बारे में जानकारी जुटाई। प्रधान ने राकेश के स्वजन से बात की। स्वजन ने संस्था से संपर्क किया तो उन्होंने राकेश से संबंधित दस्तावेज मांगे। स्वजन कक्षा सात में फेल की टीसी उन्हें उपलब्ध कराई और अपना घर पहुंच गए।

बुधवार शाम को राकेश स्वजन के साथ घर पहुंच गया। यहां तीनों भाइयों और माता उर्मिला समेत अन्य परिवारजन से मिला। सभी को देखकर उसकी आंखों से आंसू छलक उठे। वर्ष 2010 में पिता का निधन हो चुका है।

Share.

About Author

Leave A Reply