मेरठ 04 दिसंबर (प्र)। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर खुर्जा से लेकर खतौली तक सभी 11 स्टेशनों का काम पूरा हो गया है। कार्यदायी संस्था एलएंडटी ने सभी स्टेशनों को डीएफसी को हस्तांतरित कर दिया है। पूरे कॉरिडोर पर न्यू खतौली से लेकर सहारनपुर के पिलखनी तक बाकी 10 स्टेशनों का काम इसी महीने के अंत पर पूरा होने की उम्मीद है। जनवरी में पूरा कॉरिडोर डीएफसी को सौंप दिया जाएगा। वर्तमान में कॉरिडोर पर दोनों ओर से रोजाना 45 मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है।
उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम बंगाल के डालकुनी से लेकर लुधियाना के साहनेवाल तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। कॉरिडोर पर रेलवे की मालगाड़ी के अलावा व्यावसायिक माल की आवाजाही की भी सुविधा मिलेगी। खुर्जा से लेकर सहारनपुर के पिलखनी तक कॉरिडोर के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी कंपनी को मिली थी।
एलएंडटी ने खुर्जा से लेकर न्यू हापुड़, न्यू परतापुर, न्यू मेरठ, न्यू सकती, न्यू खतौली तक सभी 11 स्टेशनों का काम पूरा कर लिया है। अब खतौली से लेकर पिलखनी तक बाकी 10 स्टेशनों पर काम अंतिम चरण में है।
एलएंडटी के डीजीएम रमन चौधरी ने बताया कि डीएफसी, डीएफसीसीआईएल की महत्वपूर्ण परियोजना है, जो खुर्जा से पिलखनी तक 222 किलोमीटर के खंड पर मालगाड़ियों के लिए एक समर्पित माल गलियारा प्रदान करती है। परियोजना की शुरुआत 2018 में हुई थी। अब तक यह परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है। केवल रखरखाव का काम चल रहा है। फॉर्मेशन और स्ट्रक्चर के साथ 222 किलोमीटर की पटरियां बिछाने का काम पूरा हो चुका है। इसे डीएफसी सीआईएल को सौंप दिया गया है। खुर्जा से मुजफ्फरनगर तक ट्रैक के व्यवसायीकरण के लिए सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। डीएफसी मेरठ के मुख्य महाप्रबंधक पवन कुमार ने बताया कि पूरे कॉरिडोर पर लुधियाना के साहनेवाल से न्यू खुर्जा तक तमाम मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है।