Saturday, July 5

अलीगढ़ में उपद्रव करने वालों से वसूले जाएंगे 12 लाख, 69 प्रदर्शनकारियों से होगी रिकवरी

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मेरठ 24 दिसंबर (प्र)। अग्निवीर योजना के विरोध में अलीगढ़ में हुई आगजनी-बवाल को लेकर मेरठ की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने 69 प्रदर्शनकारियों से वसूली के आदेश दिए। सोमवार को कोर्ट ने कहा कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से 12 लाख 4 हजार 831 रुपए वसूले जाएंगे। हर आरोपी से 16 हजार 969 रुपए की वसूली होगी। राजस्व की तरफ से जिलाधिकारी वसूली करेंगे।

क्लेम कमिश्नर आलोक पांडेय समेत स्पेशल कोर्ट की बेंच ने सोमवार को दंगाइयों से वसूली का फैसला सुनाया। पुलिस-प्रशासन तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों की पहचान पहले ही कर चुका है। अब डीएम की अगुवाई में उनसे पैसे की वसूली की जाएगी।

जून 2022 में प्रदेश भर में हुए प्रदर्शन के खिलाफ उत्तर प्रदेश दावा अभिकरण में मामला दायर किया गया था। इस घटना के बाद प्रदेश में दावा अभिकरण की 3 बेंच बनाई गई थीं। सेंट्रल यूपी के लिए लखनऊ, ईस्ट यूपी के प्रयागराज और पश्चिमी यूपी के लिए मेरठ में बेंच बनाई गई थी। मेरठ बेंच में वेस्ट यूपी के 6 मंडल मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद और आगरा मंडल के सभी जिलों संबंधित मामलों की सुनवाई हो रही है।

अग्निवीर योजना के विरोध में यूपी के तमाम जिलों में हंगामा, प्रदर्शन और बवाल हुआ था। अलीगढ़ का बवाल काफी उग्र हो गया था। अलीगढ़ के यमुना एक्सप्रेस-वे पर 17 जून, 2022 को अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं ने जाम लगाकर हिंसा-प्रदर्शन किया था।इस दौरान बसों में तोड़फोड़ की। जट्टारी पुलिस चौकी के कमरे में आग लगा दी। चौकी परिसर में खड़ी गाड़ी को भी उलटा कर आग के हवाले कर दिया गया। एडीजी आगरा जोन की गाड़ी के शीशे भी तोड़े थे। भीड़ ने बाइक समेत लगभग 12 निजी वाहन तोड़ दिए थे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन पर भी हमला कर दिया था। इसमें सीओ समेत 4 पुलिस वाले घायल हो गए थे।

हिंसा की जांच में खुलासा हुआ था कि इस हिंसा को भड़काने में टप्पल और जट्टारी के 9 कोचिंग सेंटर संचालकों का हाथ था। उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स से युवकों को प्रदर्शन के लिए भड़काया था। इसके बाद सरकार ने इन मामलों की सुनवाई और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाई थी।

टप्पल थाने में 66 पहचाने गए और 450 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंगा, सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश, शांति भंग आदि में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तत्कालीन अलीगढ़ एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि इस मामले में 30 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में वर्ष 2022 में हिंसक विरोध प्रदर्शन अलीगढ़ में हुआ था। दावा ट्रिब्यूनल मेरठ डिवीजन ने इस हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपी 69 पहचाने गए लोगों से कुल 12 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा वसूलने का आदेश दिया है। जून 2022 में अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र में यह हिंसा भड़की थी। दावा ट्रिब्यूनल की ओर से यह आदेश यूपी सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान की वसूली अधिनियम 2020 के तहत पारित किया गया है।

दावा न्यायाधिकरण के आयुक्त आलोक पांडेय ने सोमवार को कहा कि विरोध के तुरंत बाद दर्ज की गई एफआईआर के बाद जगदत्त सिंह ने अदालत में मामला सूचीबद्ध किया था। दावा न्यायाधिकरण ने सोमवार को पहचाने गए आरोपियों से 12,04,831 रुपये की वसूली का आदेश दिया है। प्रत्येक आरोपी को न्यूनतम वसूली राशि 16,969 रुपये देने को कहा गया है।

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